देवघर(DEOGHAR) एयरपोर्ट का निर्माण कार्य युद्ध स्तर पर जारी है. जल्द ही इसके पूरा होने की बात की जा रही है. इस एयरपोर्ट से झारखंड-बिहार के तकरीबन 15 जिले को एयर केनेक्टिविटी मिल पाएगी, लेकिन इतनी बड़ी और महत्वाकांक्षी योजना होने के बाद भी इसके निर्माण को लेकर राजनीति कम होने का नाम नहीं ले रही है. इसके निर्माण का श्रेय लेने के लिए स्थानीय जनप्रतिनिधियों में होड़ मची हुई है. इसी क्रम में पिछले माह की 28 तारीख को आनन फानन में इसके एप्रोच रोड का स्थानीय सांसद निशिकांत दुबे की पहल पर पूर्व मुख्यमंत्री और भाजपा नेता बाबूलाल मरांडी,भाजपा प्रदेश अध्यक्ष दीपक प्रसाद,स्थानीय विधायक नारायण दास और पूर्व मंत्री और सारठ विधायक रणधीर सिंह द्वारा संयुक्त रूप से लोकार्पण कर दिया गया.

चर्चा का विषय बना उपायुक्त का कड़ा रुख

सड़क के लिए जमीन स्थानीय किसानों द्वारा स्वेच्छा से दिए जाने और निर्माण की लागत चंदा के पैसे से उपलब्ध कराए जाने की बात की गई. सड़क का नामकरण भी नरेंद्र मोदी पथ कर दिया गया. इस पूरी कवायद के बाद झारखंड सरकार की नींद खुली और सड़क लोकार्पण के एक सप्ताह पहले सरकार के स्तर से एप्रोच रोड की स्वीकृति संबंधी पत्र जारी होने का हवाला देते हुए इसे दुर्भाग्यपूर्ण बताया गया. इतना ही नहीं एयरपोर्ट जैसी परियोजना के लिए बिना तकनीकी स्वीकृति और गुणवत्ता की अवहेलना करते हुए पूरे सड़क निर्माण को ही गलत ठहरा दिया गया. देवघर उपायुक्त मंजुनाथ भजंत्री द्वारा एयरपोर्ट निर्माण कार्य के निरीक्षण के दौरान इस तरह निर्मित सड़क पर लगे शिलापट्ट को आज हटा दिया गया और नई सड़क का तय तकनीकी स्वीकृति के अनुरूप निर्माण कराने का आदेश संबंधित अधिकारियों को दिया गया. एप्रोच रोड निर्माण को लेकर देवघर उपायुक्त का यह कड़ा रुख चर्चा का विषय बना हुआ है.

रिपोर्ट : रितूराज सिंहा, देवघर