रांची(RANCHI): स्थानीयता और 1932 खतियान नीति के नेता जयराम महतो और उनकी पार्टी एक बार फिर चर्चा में हैं. हमेशा से झारखंडी हित की बात करने वाले जयराम महतो की पार्टी ने हाल ही में एक बार फिर स्थानीयता के सवाल पर राज्य सरकार को घेरा है. हाल ही में X एप पर टाइगर जयराम की पार्टी ने पोस्ट किया है जिसमें लिखा गया है की 'झारखंड सरकार ने राज्य के 64 इन्स्पेक्टर को #DSP में प्रोन्नति की जिसमें 40 बिहार के' इसके साथ चार पन्नों की सूची भी पोस्ट की गई है. इसमें सभी 64 उत्तीर्ण अभियर्थियों के नाम प्रकाशित है जिन नामों को लेकर ये दवा किया जा रहा है की इन उत्तीर्ण नामों मे 40 लोग बिहार के है. 

इसपर लोगों का कहना है कि झारखंड में इतनी मुश्किल से परीक्षाएँ होती हैं, और अगर परीक्षा होती भी है तो कभी पेपर लीक, कभी रिजल्ट प्रकाशित न होना, और कभी परीक्षा ही रद्द हो जाती है. राज्य में प्रतियोगी परीक्षाओं की बदहाली का आलम हर कोई जनता है और इस बात को भी नकारा नहीं जा सकता की अधिकतर परीक्षाओं का मामला कोर्ट की दहलीज तक भी पहुच जाता है. ऐसे में जयराम महतो और उनकी पार्टी का मतलब साफ है कि परीक्षाओं की ऐसी स्थितियों के बीच जब राज्य में चुनिंदा परीक्षाएँ ही होती हैं जो परिणाम तक का सफर तय कर पाते हैं. अब अगर इन स्थितियों में भी झारखंडवासियों को मौका नहीं मिलेगा तो यहाँ के लोग सरकारी नौकरी के लिए कहाँ जाएंगे ये भी बड़ा सवाल है.

वहीं दूसरी ओर डुमरी विधायक जयराम महतो ने हमेशा से ही स्थानीयता और खतियान की बात की है, या यूं कहें की जयराम महतो 1932 खतियान के मुद्दे को लेकर ही नेता और फिर विधायक बने और आज लाखों झरखण्डियों के दिलों पर राज कर रहे हैं.