धनबाद(DHANBAD): यह जो आप देख रहे हैं, यह बीसीसीएल की आवंटित आउटसोर्स परियोजना नहीं है. कोयला चोरों -तस्करों की अवैध परियोजना है.इसके आकर -प्रकार किसी को भी चौंका सकते है. क्योंकि किसी भी मायने में यह बीसीसीएल की अपनी चालू परियोजना से कम नहीं है. मतलब यहाँ से रोज कितना कोयला अवैध ढंग से निकला जाता होगा ,इसका अंदाज लगाना कठिन है. काफी किरकिरी होने के बाद सोमवार को सीआईएस एफ और पुलिस की टीम पहुंचकर इस अवैध कोयला खनन प्रोजेक्ट की भराई करा रहे है. यह इलाका जंगलो से घिरा है और धर्माबांध ओपी से कुछ ही दूरी पर है. जगह का नाम है बंगाली कोठी. इसी थाना क्षेत्र की आशाकोठी का नाम अभी भी ताजा है. जहा जब्त कोयले को उठाने में बीसीसीएल के वाहन हांफने लगे थे. इलाके के एसडीपोओ को घायल कर दिया गया था.
दूर जंगल में बम विस्फोट की भी चर्चा लेकिन पुष्टि नहीं
कहा तो यह भी जाता है कि सोमवार को पुलिस और सीआईएसएफ को ललकारते हुए कोयला तस्करों के लोगों ने दूर जंगल में उस समय बम विस्फोट भी कर रहे थे. हालांकि इन सबसे बेपरवाह पहुंची टीम ने अवैध प्रोजेक्ट की भराई का काम को जारी रखा. यह अलग बात है कि इतने बड़े आकार में अवैध प्रोजेक्ट से खनन हो रहा था कि भराई करने में भी कई दिनों का समय लग सकता है. वहां से लगभग 50 टन अवैध कोयला भी जब्त किया गया है. जंगलों से घिरे तंग रास्तों से पहुंचने वाली बंगाली कोठी के जंगल में अवैध उत्खनन करने वाले बेधड़क प्रोजेक्ट बनाकर बीसीसीएल के समानांतर अवैध खनन कर रहे थे. इसके पहले शनिवार को सीआईएसएफ की टीम जब पहुंची थी तो उसके होश उड़ गए थे. टीम को लौट जाना पड़ा था.
बीसीसीएल के सामने पेश हुई बड़ी चुनौती ,रोकेगा कौन
यह इलाका थाने से बहुत दूर नहीं है. फिर भी अवैध खनन करने वाले बेफिक्र होकर डंके की चोट पर अपना धंधा कर रहे थे. इससे साबित हुआ कि धनबाद में कोयल चोर -तस्कर अब अवैध कोयला प्रोजेक्ट भी चला रहे है. यानी कोयलांचल में अब दो तरह के कोयला खनन प्रोजेक्ट चल रहे है. एक प्रोजेक्ट वैध चल रहे हैं, जिसका आवंटन बीसीसीएल करती है. दूसरी ओर अवैध खनन प्रोजेक्ट भी चल रहे हैं ,जिसके मालिक कोयला चोर और तस्कर होते है. वैध आउटसोर्स प्रोजेक्ट से उत्पादित कोयला बीसीसीएल को मिलता है तो अवैध आउटसोर्सिंग परियोजना से उत्पादित कोयला सीधे काला बाजार में बेच दिया जाता है. इससे साफ़ हुआ है कि डोज़र , डंपर और पोकलेन लगाकर अवैध परियोजनाएं चल रही है. इससे बीसीसीएल को कितना नुकसान होता होगा, इसका अंदाजा लगाना मुश्किल है.
रिपोर्ट-धनबाद ब्यूरो
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