धनबाद (DHANBAD) : धनबाद कोयलांचल को बुधवार को केंद्रीय कैबिनेट का एक बड़ा तोहफा मिला है. केंद्रीय कैबिनेट ने धनबाद के काफी पुरानी  डिमांड पर अपनी स्वीकृति दे दी है. जानकारी के अनुसार झरिया भूमिगत आग से प्रभावित लोगो के पुनर्वास  के लिए संशोधित मास्टर प्लान के लिए 5940 करोड़ रुपए की मंजूरी दी गई है. दिल्ली में बुधवार को हुई केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में इसे मंजूरी मिली है. हालांकि सूत्र बताते हैं कि यह पार्शियल मंजूरी है. कहा गया है कि काम पूरा होने के बाद अगले चरण के लिए राशि आवंटित की जाएगी. 

झरिया शहर पिछले 100 से भी अधिक सालों से आग का दंश झेल रहा है. 1919 में झरिया के भौरा क्षेत्र में पहली बार आग का पता चला था. भूमिगत आग से प्रभावित परिवारों को राहत देने के लिए वर्ष 2009 में झरिया मास्टर प्लान बनाया गया था. उसके बाद इसके संशोधित मास्टर प्लान की मंजूरी की प्रतीक्षा की जा रही थी. अब  2025 में इसे मंजूरी दी गई है. बताया जाता है कि प्रभावित परिवारों के पुनर्वास के लिए यह राशि मंजूर की गई है.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में इस फैसले को मंजूरी दी गई है.  बता दें कि केंद्र सरकार ने 12 अगस्त 2009 को झरिया मास्टर प्लान को मंजूरी दी थी. बरसात के दिनों भूमिगत आग प्रभावित इलाकों में दहशत का माहौल कायम हो जाता है. जगह-जगह भू धंसान की घटनाएं होती है. लोगों की जान भी चली जाती है. 2025 में बरसात के शुरू होते ही कई जगह से गैस रिसाव की घटनाएं हो रही है. खतरनाक इलाकों में रहने वाले लोग लगातार पुनर्वास की मांग कर रहे है. 

संशोधित मास्टर प्लान में राशि आवंटित होने के बाद निश्चित रूप से काम में कुछ तेजी आएगी. केंद्र सरकार ने 12 अगस्त 2009 को 7112.11 करोड़ रुपए के बजट के साथ झरिया मास्टर प्लान को मंजूरी दी थी, ताकि अग्नि प्रभावित परिवारों के पुनर्वास सहित आग और भू-धंसान से जुड़ी समस्याओं का निबटारा किया जा सके. आग से निबटने की पूरी जिम्मेदारी बीसीसीएल की है, जबकि कोलकर्मियों को पुनर्वासित करने की जिम्मेदारी बीसीसीएल और गैर बीसीसीएल कर्मियों के पुनर्वासित करने की जिम्मेदारी झरिया पुनर्वास एवं विकास प्राधिकरण (जेआरडीए) की है.

रिपोर्ट-धनबाद ब्यूरो