रांची(RANCHI): झारखंड के इतिहास में पहली बार लोगों ने खुद से बाघ देखा. अब तक सिर्फ बाघ होने का दावा या उसके चिन्ह जंगल में देखते थे. लेकिन बुधवार को ऐसा हुआ. जिसे कभी किसी ने सोचा भी नही था. सिल्ली के मारदु गाँव में अचानक एक घर में बाघ पहुँच गया. इसके बाद अफरा तफरी का माहौल बन गया. लेकिन पुरेंद्र महतो ने सूझ बुझ से काम किया. घर से बच्चों को बाहर निकाल कर दरवाजा बंद कर दिया. इसके बाद हजारों लोगों की भीड़ पुरेन्द्र के घर के बाहर जमा हो गई. हर कोई देखना चाह रहा था की बाघ कैसा है.
इसके बाद वन विभाग की टीम पहुंची. फिर इसकी सूचना पलामू टाइगर रिसर्व को दी गई. बाघ के रेस्क्यू का काम शुरू किया गया. बड़ा सा पिंजरा मंगाया गया. टीम ने कड़ी मशक्कत के बाद आखिर में बाघ को निकाल लिया गया.इस दौरान लोगों की भीड़ उसके घर के बाहर डटी रही. जिसे देखते हुए सदर अनुमंडल पदाधिकारी ने BNS की धारा 163 लागू कर दिया.और भीड़ को हटाया गया.
बता दें कि यह खबर पूरे झारखंड में चर्चा में बना है. यह पहली बार हुआ कि जब बाघ किसी के घर में घुसा हो और किसी को कोई नुकसान नही पहुंचाया है. बताया जा रहा है कि यह बाघ पलामू टाइगर रिसर्व का है. जो पलामू से जंगल होते हुए सिल्ली पहुंचा है. अब इस मामले में अधिक जानकारी वन विभाग या पलामू टाइगर रिसर्व की ओर से आधिकारिक रूप से दी जाएगी.
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