धनबाद(DHANBAD) : बिहार का यह चुनाव केवल राजनीतिक पार्टियों का भविष्य ही तय नहीं करेगा, बल्कि कई ऐसे नेताओं के "यूथ विंग"  भी इसमें शामिल रहेंगे, जिनका भविष्य बिहार विधानसभा चुनाव बताएगा. अगर लालू परिवार से शुरू किया जाए, तो उनके बड़े बेटे तेज प्रताप यादव अलग ताल ठोक रहे है.  परिणाम क्या होगा, यह भविष्य के गर्भ में है.  मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के बेटे निशांत कुमार भी राजनीति में आएंगे अथवा नहीं, आगे जदयू की कमान किसके हाथ में होगी, यह भी यह चुनाव तय करेगा.  यह विधानसभा चुनाव यह भी  तय करेगा कि  पशुपति पारस का भविष्य आगे कैसा रहेगा.  क्या वह भतीजे चिराग पासवान के हाथों मात खा जाएंगे अथवा चिराग पासवान को नुकसान करेंगे.  सबसे बड़ी बात यह है कि यह चुनाव जन सुराज  के सूत्रधार प्रशांत किशोर के भविष्य को भी तय करेगा.  वैसे, प्रशांत किशोर कह रहे हैं कि उनका जनसुराज  या तो अर्श पर रहेगा अथवा फर्श पर. 

क्या कह रहे है जनसुराज के सूत्रधार प्रशांत किशोर 
 
अगर पूर्ण बहुमत से कम विधायकों की संख्या आएगी, तो वह फिर से बिहार में लोगों को जागृत करने का अभियान शुरू करेंगे.  इतना ही नहीं, जनसुराज   के विधायकों को भी स्वतंत्र कर देंगे कि जिन्हें जहां जाना है, चले जाए.  दरअसल, तेज प्रताप यादव को पार्टी और घर से बेदखल  करने के बाद वह अलग राह  पकड़ लिए है.  कभी कुछ कह रहे हैं, कभी कुछ. उनके साथ हुई घटनाओं में वह "जयचंदों" की भूमिका बता रहे है.  घोषणा की थी कि वह "जयचंदो"  के नाम का ऐलान करेंगे, लेकिन इससे पीछे हट गए.  इधर, चिराग पासवान और उनके चाचा में भी शह -मात  का खेल चल रहा है.  कभी चिराग पासवान के दल के लोग पशुपति पारस के दल में शामिल हो रहे हैं, तो कभी पशुपति पारस के दल के लोग चिराग पासवान के दल में. 

चाचा -भतीजे में भी चल रहा शह -मात का खेल 

 इधर, वैशाली जिला अध्यक्ष मनोज सिंह सहित अन्य कार्यकर्ताओं ने मंगलवार को लोक  जनशक्ति पार्टी रामविलास के राष्ट्रीय अध्यक्ष चिराग पासवान में समर्थन जताते हुए ,उनकी पार्टी में शामिल हो गए.  प्रदेश अध्यक्ष ने उन्हें सदस्यता दिलाई.  प्रदेश अध्यक्ष राजू तिवारी ने कहा कि राष्ट्रीय अध्यक्ष चिराग पासवान के विजन" बिहार फर्स्ट -बिहारी फर्स्ट" में आस्था दिखाते हुए सभी लोग पार्टी से जुड़े है.  उनके आने से संगठन को और बल मिलेगा.  इसके पहले जुलाई महीने में चिराग पासवान की पार्टी के कई नेता, उनके चाचा पशुपति पारस की राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी में शामिल हो गए थे.  इसमें कुछ जिला अध्यक्ष भी शामिल थे.  इधर, पटना में नीतीश कुमार के बेटे निशांत कुमार का पोस्टर लगा है.  यह  पोस्ट जनता दल यूनाइटेड के कार्यालय के बाहर लगा है.  इसके जरिए संदेश देने की कोशिश की गई है कि नीतीश कुमार की विरासत अब आगे निशांत कुमार संभालेंगे, वैसे तो नीतीश कुमार के बेटे के राजनीति में आने की चर्चा  काफी दिनों से है.  हालांकि इस पर अभी किसी ने कुछ नहीं कहा है.  

नीतीश कुमार के बेटे को लेकर फिर शुरू हुई पोस्टर राजनीति 

लेकिन जदयू दफ्तर के बाहर जो पोस्टर लगे हैं, उसमें निशांत कुमार को नीतीश कुमार की कार्यशैली का वारिश  जरूर बताया गया है.  पोस्टर  में लिखा गया है कि ईमानदारी और जन सेवा की नई पीढ़ी -जन सेवा की विरासत अब आगे बढ़ेगी.  विकास पुरुष का बेटा बिहार का भविष्य निशांत कुमार.  जननायक कर्पूरी ठाकुर की विचारधारा और नीतीश कुमार जी की कार्यशैली के बारिश निशांत कुमार.  हालांकि यह  पहला मौका नहीं है, जब पटना में निशांत कुमार को लेकर पोस्टर लगाए गए हो.  इससे पहले भी निशांत कुमार को लेकर कई पोस्टर  नजर आए थे.  इधर, जनसुराज  के सूत्रधार प्रशांत किशोर लगभग सभी नेताओं को निशाने पर ले रहे है.  उनकी सभा में भीड़ भी जुट रही है.  भाजपा के तीन बड़े नेता दिलीप जायसवाल, मंगल पांडे, सम्राट चौधरी उनके निशाने पर है. जदयू के मंत्री अशोक चौधरी भी उनके निशाने पर है.  दरअसल, बिहार में  जनसुराज  विकल्प के रूप में अपने को प्रस्तुत कर रहा है.  यह बात तो तय है कि बिहार में चुनावी जीत चाहे जिस दल या गठबंधन को मिले, लेकिन यह चुनाव कई बिहार के नेताओं का भविष्य भी तय करेगा.

रिपोर्ट -धनबाद ब्यूरो