धनबाद (DHANBAD) : वैसे भी ,बिहार की राजनीति थोड़ी अलग होती है. बिहार में इसी साल के अंत तक विधानसभा के चुनाव होने है. जाहिर है- इसके लिए तरह-तरह की तिकड़मी चाल चली जाएगी. अभी भी चली जा रही है और आगे भी चली जाएगी. इधर, एनडीए में बिहार विधानसभा की एक सीट को लेकर खूब चर्चा है. और वह सीट है मोकामा का. मोकामा सीट जदयू के पास रहेगा या भाजपा के पास या गठबंधन के दूसरे साथियों के पास, यह तो अभी स्पष्ट नहीं है. लेकिन इस सीट को लेकर बिहार में चर्चा तेज है. इस सीट पर जदयू के टिकट के लिए बिहार के बाहुबली अनंत सिंह दावा ठोक रहे है. अनंत सिंह अभी हाल ही में जेल से छूट कर आए है. वैसे कहने के लिए तो बिहार चुनाव से पहले अलग-अलग नेताओं में मुलाकात और चर्चा का सिलसिला जारी है.
मोकामा सीट को तो हाई प्रोफाइल सीट माना जाता रहा है. अनंत सिंह मोकामा सीट से चुने जाते रहे है. इस बार उनके विरोधी भी ताल ठोंक रहे है. साल 2022 में मोकामा उपचुनाव में पूर्व विधायक की पत्नी नीलम देवी राजद के टिकट पर चुनाव लड़ा था और जीत भी गई थी. लेकिन नीलम देवी वैसे तो राजद की विधायक हैं, लेकिन फिलहाल वह है जदयू के साथ. 2024 में नीतीश कुमार के एनडीए में लौटने के बाद विश्वास मत हासिल करने के दौरान समर्थन के लिए राजद विधायक नीलम देवी जदयू के साथ हो गई थी. वैसे, जेल से निकलने के बाद अनंत सिंह ने कहा है कि उनकी पत्नी नीलम देवी चुनाव नहीं लड़ेंगी. वह फिर से खुद ही मोकामा से चुनाव लड़ेंगे.
इसके लिए अभी हाल ही में उन्होंने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से मुलाकात भी की थी. नीतीश कुमार के विश्वासपात्र मंत्री अशोक चौधरी भी आनंद सिंह के घर पहुंचे थे. अशोक चौधरी नीतीश कुमार के करीबी माने जाते है. अशोक चौधरी, आनंद सिंह से मिलने के लिए उनके घर गए थे. यहां अनंत सिंह ने अशोक चौधरी को अपने तबेले में ले जाकर भैसें दिखाई. दोनों के बीच और कुछ चर्चाएं हुई होगी. दोनों के बीच क्या बातचीत हुई, यह तो स्पष्ट नहीं हो पाया है. लेकिन इतना तो तय है कि इस मुलाकात के तार कहीं ना कहीं मोकामा से टिकट को लेकर जुड़ा है. वैसे भी अनंत सिंह फिलहाल राजद पर खफा है और नीतीश कुमार को ही अपना नेता मान रहे है. बहरहाल मोकामा सीट हाई प्रोफाइल बनी हुई है.
रिपोर्ट -धनबाद ब्यूरो
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