धनबाद (DHANBAD) : बिहार चुनाव को लेकर पूरे राज्य की सरगर्मी बढ़ी हुई है. पहली सितंबर को वोटर अधिकार यात्रा का समापन हो रहा है, तो दूसरी ओर रविवार को एक नाटकीय घटनाक्रम में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और बिहार के बाहुबली नेता अनंत सिंह से मुलाकात हुई. यह मुलाकात मंत्री अशोक चौधरी के निवास पर हुई है .

दरअसल, मोकामा सीट अभी हॉट केक बना हुआ है. अनंत सिंह मोकामा सीट पर जदयू से उम्मीदवार बनना चाहते हैं, लेकिन जदयू में ही एक खेमा अनंत सिंह का विरोध कर रहा है .दूसरी ओर अभी हाल ही में सोनू मोनू गैंग से हुए विवाद के बाद इलाके के लोग दो गुटों में बंट गए हैं. 

इधर, सूचना तो यह भी आ रही है कि अब दोनों गुटों में समझौता का भी प्रयास चल रहा है. सूत्रों के अनुसार सोनू मोनू गैंग से विवाद के बाद जेल गए बाहुबली नेता अनंत सिंह की मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से रविवार की सुबह मुलाकात हुई. मंत्री अशोक चौधरी भी मौजूद थे. इसके पहले शनिवार को मोकामा में केंद्रीय मंत्री ललन सिंह के साथ अनंत सिंह का रोड शो भी हुआ. रोड शो के दूसरे दिन यानी रविवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और अनंत सिंह की मुलाकात को बेहद महत्वपूर्ण माना जा रहा है. 

हालांकि इसके पहले भी 10 अगस्त को अनंत सिंह, नीतीश कुमार से मिले थे. जेल से निकलने के बाद अनंत सिंह ने मोकामा से खुद चुनाव लड़ने की घोषणा की थी. तेजस्वी यादव की जमानत जब्त करा देने का भी दावा किया था.मोकामा से फिलहाल अनंत सिंह की पत्नी नीलम देवी विधायक हैं .अनंत सिंह के जेल जाने के बाद खाली हुई सीट पर नीलम देवी को राजद ने टिकट दिया था. लेकिन सरकार के फ्लोर टेस्ट में नीलम देवी जदयू के साथ चली गई. 

इधर अनंत सिंह भी नीतीश कुमार की खुलकर प्रशंसा करते हैं.  सूत्रों के अनुसार रविवार की सुबह अनंत सिंह, अशोक चौधरी के  आवास पर मिलने गए थे. सीएम भी वही पहुंच गए. अशोक चौधरी की मौजूदगी में अनंत सिंह और नीतीश कुमार आमने-सामने हो गए. अनंत सिंह ने आगे बढ़कर नीतीश कुमार का अभिवादन किया. नीतीश कुमार ने भी जवाब दिया. अब इसके बाद मोकामा सीट पर अनंत सिंह की दावेदारी को मजबूत माना जा रहा है. हालांकि दोनों नेताओं के बीच क्या बातचीत हुई, यह बात सामने नहीं आई है. 

शनिवार को केंद्रीय मंत्री ललन सिंह अनंत सिंह के आवास पर पहुंचे थे. वहीं से दोनों मोकामा गए और कई घंटे तक रोड शो किया. दोनों नेता काफी देर तक साथ रहे. दरअसल, कहा जा रहा कि अनंत सिंह  मोकामा से टिकट के लिए लगे हुए हैं. अशोक चौधरी को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का बेहद करीबी माना जाता है .इसके पहले अशोक चौधरी, आनंद सिंह से मिलने उनके घर गए थे. अनंत सिंह ने अपने तबेले में ले जाकर उन्हें भैंसे दिखाई थी.उनका नस्ल बताया था. दोनों के बीच चाय पर चर्चा भी हुई .खैर यह तो हुई जदयू की बात.इधर,बिहार में वोटर अधिकार यात्रा को लेकर महागठबंधन के किस दल को कितना फायदा हुआ, यह तो चुनाव का परिणाम तय करेगा. 

लेकिन इतना तय है कि 1990 के बाद कांग्रेस बिहार से आउट है. उसके बाद कांग्रेस लगातार कमजोर पड़ती जा रही थी. वोटर अधिकार यात्रा में राहुल गांधी ड्राइविंग सीट पर बैठे दिखे. यह अलग बात है की वोटर अधिकार यात्रा में भीड़ अधिक जुट रही है. कहीं कांग्रेस के झंडे अधिक दिख रहे , तो कहीं राजद के. कांग्रेस कार्यकर्ताओं में नई ऊर्जा भरने की कोशिश राहुल गांधी ने की है. हालांकि बिहार में वोटर अधिकार यात्रा को लेकर यह कहा जा सकता है कि इंडिया ब्लॉक के नेताओं में राहुल गांधी के नेतृत्व की स्वीकार्यता बढ़ी है. बिहार में कांग्रेस कुछ करने की सोच रही है. 

आगामी विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के लिए नया मौका हो सकता है. 1990 के बाद सत्ता से दूर कांग्रेस की गतिविधियां सिमट गई थी. सिर्फ बयान बाजी होती रही. इस बार यात्रा के दौरान कांग्रेस समर्थकों में उत्साह दिखा. वोटर अधिकार यात्रा अपने अंतिम पड़ाव पर है. पहली सितंबर को पटना के गांधी मैदान स्थित गांधी मूर्ति से हाईकोर्ट अंबेडकर पार्क तक समापन मार्च होगा. अब तक 14 दिनों की 1300 किलोमीटर यात्रा पूरी कर ली गई है. इस दौरान 25 जिलों के 110 से अधिक विधानसभा क्षेत्र से यह यात्रा गुजर चुकी है. 

सभी क्षेत्रों में यात्रा का रास्ते में भीड़ स्वागत करती रही. यह भी कहा जा रहा है कि यात्रा के दौरान राहुल ,तेजस्वी ने इंडिया गठबंधन के चुनावी मुद्दे को घर-घर तक पहुंचाने में कामयाबी हासिल की है. एस आई आर के जरिए मताधिकार छीने जाने का डर दिखाया है. वहीं बेरोजगारी, पलायन, अपराध पर भी प्रहार किया गया है. इससे बुजुर्गों की पार्टी बन गई कांग्रेस युवाओं को आकर्षित किया है .खास बात यह रही की पूरी यात्रा के दौरान इंडिया ब्लॉक एकजुट दिखा.

रिपोर्ट -धनबाद ब्यूरो