धनबाद (DHANBAD) : अपने बड़े बेटे तेज प्रताप यादव को पार्टी और परिवार से बेदखल करने का एक्शन क्या बिहार विधानसभा चुनाव में महागठबंधन को भारी पड़ेगा? क्या तेज प्रताप चुनाव लड़ेंगे? क्या तेज प्रताप को लालू प्रसाद के विरोधी हवा दे रहे हैं? तेज प्रताप क्यों कह रहे कि उनके साथ अन्याय हो रहा ? चार-पांच लोग उनके खिलाफ साजिश कर रहे है. यह सब ऐसे सवाल हैं, जो बिहार की राजनीति में तेजी से फैल रहे है. इतना तो तय है कि अगर तेज प्रताप यादव कहीं से निर्दलीय चुनाव भी लड़ते हैं, तो इसका खामियाजा महागठबंधन को भुगतना पड़ सकता है. महागठबंधन को इस वर्ष चुनाव में कड़ा संघर्ष करना पड़ सकता है. इधर, तेज प्रताप यादव ने यह कहकर सनसनी फैला दी है कि उनकी जान को खतरा है. उन्होंने सरकार से सुरक्षा की मांग कर डाली है. फिर तो यही से सवाल उठता है कि क्या इसके पीछे भी कोई राजनीति है? उनका कहना है कि चार-पांच लोगों ने साजिश कर पार्टी से बाहर करा  दिया है. यह सब कैसे हुआ, कौन करा रहा, यह सब बिहार की जनता देख रही है. 

"मंडली" का नाम नहीं लेंगे लेकिन उनको छोड़ेंगे भी नहीं 

चार-पांच लोगों ने सोचा है  कि उन्हें पार्टी से बाहर करा देने से वह कमजोर पड़ जाएगा. और सब कुछ "मंडली" के अनुसार चलने लगेगा. मतलब साफ है कि तेज प्रताप यादव ने यह संकेत दिया है कि तेजस्वी यादव हो अथवा लालू प्रसाद यादव, चार-पांच लोगों की बात सुनी जा रही है. साथ में उन्होंने यह भी कह दिया है कि अब वह जनता के बीच जाएंगे और मेरा न्याय जनता ही करेगी. मतलब जनता के बीच वह चुनाव में जरूर जाएंगे, उन्होंने कहा कि चार-पांच "पापी" लोगों का नाम लेना नहीं चाहते. तेज प्रताप  यादव बार-बार कह रहे हैं कि उनकी सुरक्षा बढ़ाई जाए. हमारे दुश्मन सभी जगह लगे हुए है. चार-पांच लोग मिलजुल कर हमारे राजनीतिक और निजी जीवन को बर्बाद करने पर तुले है. हम उनको किसी कीमत पर छोड़ेंगे नहीं.  हम  बिहार की जनता को बताना चाहते हैं कि मेरे साथ अन्याय हो रहा है. इस अन्याय का बदला जरूर लेंगे. 

तेजप्रताप यादव ने चुनाव लड़ने की कर दी है घोषणा 
 
उन्होंने यह भी  ऐलान कर दिया है कि वह चुनाव जरूर लड़ेंगे. हम पार्टी तो नहीं बनाएंगे लेकिन जनता के बीच जाएंगे जरूर. हम फिलहाल विधायक हैं, हसनपुर की जनता ने मुझे चुना है. हालांकि अपने पिता लालू प्रसाद यादव और भाई तेजस्वी यादव के बारे में उनका सॉफ्ट कॉर्नर है. कहते हैं कि मेरे पिता को मेरी आयु भी लग जाए. तेजस्वी यादव को लेकर कहते हैं कि मैं बड़ा भाई होने के नाते छोटे भाई को हमेशा आशीर्वाद देता रहूँगा. दरअसल, तेज प्रताप यादव के फेसबुक अकाउंट पर एक पोस्ट वायरल हुआ था. इसमें तेज प्रताप यादव की एक फोटो थी. जिसमें वह अनुष्का यादव नाम की एक महिला के साथ नजर आए थे.  उन्होंने बताया था कि दोनों एक दूसरे को कई सालों से प्यार करते है. इस पोस्ट के वायरल होने के बाद हड़कंप मच  गया था. 

फेस बुक पर पोस्ट के बाद बढ़ रहा विवाद 

हालांकि तेज प्रताप यादव ने सफाई देते हुए कहा था कि उनका फेसबुक अकाउंट हैक कर लिया गया था और फोटो एडिट कर उन्हें बदनाम करने की कोशिश की गई थी. इस पोस्ट के वायरल होने के बाद लालू प्रसाद यादव ने इस पर कड़ा एक्शन लिया. तेज प्रताप यादव को परिवार और पार्टी से 6 साल के लिए निष्कासित कर दिया. उसके बाद से यह  मामला धीरे-धीरे सुलग रहा है.  तेज प्रताप यादव भी चुप रहने को तैयार नहीं है. इधर, बिहार चुनाव को लेकर एनडीए और महागठबंधन में दोनों ओर से हमले तेज किये  जा रहे है. व्यक्तिगत टिप्पणियां भी की जा रही है. इतना तो तय है कि तेज प्रताप यादव चुनाव लड़ेंगे ही, इसका कितना फायदा और कितना नुकसान महागठबंधन को होगा, यह आने वाला वक्त ही बता पाएगा. 

रिपोर्ट-धनबाद ब्यूरो