रांची(RANCHI): देश सहित राज्य में भी रथ यात्रा और मेले की तैयारी अब पूरी हो चुकी हैं और कल यानि कि 27 जून को भगवान जगन्नाथ अपनी बहन सुभद्रा और भाई बलभद्र के साथ अपनी मौसी के घर जाएंगे. वहीं आज यानि कि 26 जून को भगवान एकांतवास से निकलेंगे और नेत्रदान अनुष्ठान, पूजा अर्चना का भव्य और आलोकीक दृश्य देखने को मिलेगा. बताते चलें कि बीत 15 दिनों से भगवान एकांतवास में रह रहे थे और आज आषाढ़ शुक्लपक्ष की प्रतिपदा तिथि को भगवान भक्तों के बीच आएंगे और भक्तों को दर्शन देंगे. सुबह से दैनिक पूजा के बाद दपहर 3 बजे भगवान भक्ति को दर्शन देंगे, जिसके बाद शाम 4 बजे दर्शन बंद कर, भगवान जगन्नाथ, बहन सुभद्रा और भाई बलभद्र को स्नान कराया जाएगा. इसके बाद नेत्रदान अनुष्ठान शुरू किया जाएगा. बाद में पूजा अर्चना होगी और भगवान को मालपुए का भोग लगाया जाएगा. साथ ही आज की मंगला आरती में 108 दीप जलाए जाएंगे. ऐसे में आज शाम 5 बजे से रात के 9 बजे तक भगवान जगन्नाथ के द्वार भक्तों के दर्शन और पूजा अर्चना के लिए खुले रहेंगे.
रथयात्रा के दिन इस तरह होगी विशेष पूजा
वहीं कल 27 जून को आषाढ़ महीने की शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि को रथ यात्रा का आयोजन होगा. कल सुबह चार बजे पूजा भगवान जगन्नाथ की आरती होगी उसके बाद पांच बजे से भगवान के दर्शन होंगे. दिन के 2 बजे भगवान के कपाट बंद हो जाएंगे. वहीं तीन बजे से शृंगार पूजन, फिर साढ़े चार बजे विष्णु सहस्त्रनाम पूजन, शाम पांच बजे मौसीबड़ी के लिए प्रस्थान और शाम छः बजे भगवान का मौसीबड़ी में आगमन होगा. इसके बाद महिलों के पूजन के बाद रात आठ बजे 108 मंगल आरती के बाद भगवान शयन करेंगे.
क्यों जाते हैं भगवान मौसी के घर:
दरअसल भगवान जगन्नाथ, उनकी बहन सुभद्रा और भाई बलभद्र को स्नान पूर्णिमा के दिन स्नान कराया जाता है जिसके बाद भगवान बीमार हो जाते है. 15 दिनों के लिए सभी को एकांतवास में रखा जाता है जिसके बाद वह ठीक हो जाते हैं और और एकांतवास से निकलने के बाद भगवान अपनी मौसी गुंडिचा जाते हैं. 9 दिनों तक भगवान अपनी मौसी के घर रहते हैं और उसके बाद अपने घर लौट जाते हैं.
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