TNP DESK- रांची के सदर अस्पताल ने अपने सीमित संसाधनों के बावजूद शानदार प्रदर्शन किया है और रिम्स जैसे बड़े अस्पतालों को भी पीछे छोड़ दिया है. अब इस अस्पताल को उत्तर प्रदेश के लिए रोल मॉडल बनाया जा रहा है.
सदर अस्पताल में सीमित संसाधन हैं. इसके बावजूद यहां मरीजों को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं दी जा रही हैं. अस्पताल ने अपनी स्वास्थ्य सुविधाओं में सुधार किया है, यही कारण है कि अस्पताल में मरीजों की संख्या भी बढ़ रही है जिससे अस्पताल की प्रतिष्ठा में सुधार हुआ है.
रांची सदर अस्पताल को राष्ट्रीय स्तर पर मिली पहचान
अभी हाल ही में सदर अस्पताल ने राष्ट्रीय स्तर पर अपनी एक पहचान बनाई है. मरीजों को आयुष्मान भारत योजना और मुख्यमंत्री जन आरोग्य योजना का सबसे अधिक लाभ दिलाने में रांची का सदर अस्पताल पूरे देश भर में पहले स्थान पर रहा है. वहीं इससे अस्पताल की कमाई में भी इजाफा हुआ है. इस योजना के आय का लाभ अस्पताल के स्वीपर से लेकर स्टॉफ और डॉक्टर हर किसी को इन्सेंटिव के रूप में मिल रहा है. ये भी एक कारण है कि मरीजों को इस योजना का लाभ सही तरीके से दिलाया जा रहा है.
बेहतर स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध कराने के लिए सदर अस्पताल में खुले कई सुपर स्पेशलिटी विभाग
आपको बता दें कि रिम्स के बाद रांची का सदर अस्पताल एक एकमात्र ऐसा अस्पताल हर तरह की सुविधा उपलब्ध है. सदर अस्पताल में हिमेटोलॉजी, कार्डियोलॉजी, मेडिकल ऑन्कोलॉजी, सर्जिकल ऑन्कोलॉजी, नेफ्रोलॉजी, न्यूरोलॉजी, न्यूरोसर्जरी, प्लास्टिक सर्जरी, यूरोलॉजी, गैस्ट्रो-एंट्रोलॉजी, पीडियाट्रिक सर्जरी, हेपेटेलॉजी, पल्मोनरी डिजीज, ब्रोंकोस्कोपी सहित कई विभाग हैं. और इन सभी विभागों में हाइयर डिग्री वाले डॉक्टर भी उपलब्ध हैं.
रांची का सदर अस्पताल बनेगा रोल मॉडल
सदर अस्पताल की सफलता उत्तर प्रदेश के अस्पतालों के लिए भी रोल मॉडल बन सकती है. सदर अस्पताल में जिस तरह स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार किया गया है ऐसे में इसकी सफलता को देखते हुए उत्तर प्रदेश के अस्पतालों में लागू किया जा सकता है, जिससे वहां की स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार हो सकता है.
सदर अस्पताल में मौजूद डाक्टरों ने ये साबित किया है सीमित संसाधनों में बेहतर प्रदर्शन किया जा सकता है.
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