धनबाद (DHANBAD) : झारखंड के कई जिलों में बारिश ने दशहरा का मजा किरकिरा कर दिया. धनबाद सहित झारखंड के कई जिलों में हुई बारिश की वजह से श्रद्धालु तो परेशान हुए ही, आयोजन भी दिक्कत में रहे, तो रावण भी ठीक से नहीं जल पाया. सिंदरी में रावण दहन के कार्यक्रम को टाल दिया गया है. धनबाद में महानवमी के दिन की देर शाम जबरदस्त बारिश हुई. दशहरा के दिन भी सुबह से बारिश होती रही. जगह-जगह रावण दहन के कार्यक्रम में परेशानी आई. दशहरा के दिन दिनभर रुक-रुक कर वर्षा होती रही, लेकिन रात को जबरदस्त बारिश हुई. बारिश ऐसी हुई कि पूजा पंडालो और मेला स्थान पर पानी जम गया था. भरे पानी में लोग चप्पल-जूता हाथों में लेकर घूमते रहे.
2025 में बारिश ने पूजा के आयोजकों को हर तरह से परेशान किया. धनबाद में कहीं 40 लाख तो कहीं 30 लाख तो कहीं 10 लाख के पंडाल बनाए गए थे. लगभग पूरे जिले में 400 पंडाल निर्मित किए गए थे. पूजा पंडालो पर भारी खर्च किया गया था लेकिन श्रद्धालुओं को इसका बहुत लाभ नहीं मिला. जिन लोगों ने घरों से निकलकर देवी दर्शन का प्रयास किया, उन्हें कई तरह की परेशानियों से दो-चार होना पड़ा. उपायुक्त आदित्य रंजन ने दशहरा के अवसर पर धनबाद क्लब में आयोजित एक समारोह में रावण, मेघनाद और कुंभकरण का पुतला दहन किया. इस अवसर पर उन्होंने जिला प्रशासन की ओर से समस्त जिले वासियों एवं धनबाद क्लब के सदस्यों को दशहरा एवं विजयदशमी की बधाई दी.
उपायुक्त ने कहा कि दशहरा और विजयादशमी सत्य की असत्य पर तथा धर्म की अधर्म पर जीत का प्रतीक है. उन्होंने लोगों को अपने जीवन में अनुशासन लाने तथा इंद्रियों पर काबू पाकर अपने अंदर की बुराइयों को समाप्त करने का आह्वान किया. उन्होंने कहा कि रावण, कुंभकर्ण और मेघनाद के पुतलों का दहन अहंकार और अन्याय जैसे बुरे गुणों के विनाश का प्रतीक है. यह नकारात्मकता पर विजय पाने के संदेश को पुष्ट करता है. इस अवसर पर उपायुक्त आदित्य रंजन, धनबाद क्लब के चेतन गोयनका, अतुल डोकानिया, रूपेश कुमार बंसल, रवि भुवानिया, विशाल कक्कर के अलावा बड़ी संख्या में क्लब के सदस्य मौजूद थे.
रिपोर्ट-धनबाद ब्यूरो

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