रांची(RANCHI)  घाटशिला उपचुनाव में झामुमो ने अपने उम्मीदवार पर तस्वीर साफ़ कर दी है.वहीं भाजपा में मंथन का दौर शुरू है.उपचुनाव की घोषणा से पहले राजनितिक दल अपने तैयारी में जुटा है तो वहीं  संभावित उम्मीदवार भी रेस हो गए है.ग्राउंड पर गतिविधि तेज दिखने लगी है.माहौल पूरी तरह से चुनाव वाला हो गया है.अब सवाल है कि झामुमो ने अपनी तस्वीर करीब करीब साफ़ कर दिया किसे टिकट दिया जा रहा है,तो भाजपा में मंथन का दौरे तेज हो गया है.वहीं पूर्व मुख्यमंत्री चंपाई भी सक्रीय रूप से घाटशिला में संगठन को धार देने में लग गए है.

सबसे पहले बताते है कि झारखण्ड मुक्ति मोर्चा जिला कमिटी को केंद्रीय नेतृत्व ने इशारा कर दिया है.जिसके बाद संगठन के कार्यकर्ता और पदाधिकारी सक्रीय हो कर जमीन पर मेहनत करने में लगे है.साथ ही इसका नेतृत्व सोमेश सोरेन के जिम्मे है.सोमेश कई कार्यक्रम में शामिल हो कर सभी को तैयार रहने का आह्वान कर रहे है.जिससे चुनाव के पहले ही पूरी तैयारी कर ली जाये और चुनाव में ज्यादा मेहनत ना करना पड़े.सोमेश सोरेन कई गांव का दौरा कर रहे है.सभी कार्यकर्ताओं को एकजुट कर बूथ की जिम्मेवारी अभी से ही तय की जा रही है.

अब टिकट की बात करें तो इसमें कोई दो राय नहीं है कि स्व रामदास सोरेन के बेटे के अलावा संगठन किसी और को आगे करेगा.इसकी घोषणा भी जिला में हो चुकी है और चुनावी माहौल बना लिया गया है.सोमेश सोरेन को झामुमो टिकट देगी और संभावना है कि जल्द ही CM हेमंत सोरेन उन्हें अपने मंत्रिमंडल में शामिल कर सकते है.जिससे चुनाव में इसका फायदा पहुँच सके.चुनाव में एक तो सहानभूति और दूसरा मंत्री का फायदा लेने की कोशिश पूरी होगी.यही वजह है कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन अपने सलाहकारों से चर्चा कर जल्द ही मंत्रिमंडल में शामिल करने की घोषणा कर सकते है.

इसके पूर्व में भी कई उपचुनाव हुए है जिसमें पहले मंत्री मंडल में शामिल किया गया.जैसे में अगर देखे तो बेबी देवी और हफीजुल हसन इसका तजा उद्धरण है.जिसमें दोनों में चुनाव से पहले मंत्री बना आकर एक बड़ा चाल झामुमो ने चला.जिसका फायदा भी चुनाव परिणाम में देखने को मिला और चुनाव में बम्फर जीत हुई.

यह कहानी तो झामुमो की हो गई वहीं अब भाजपा की बात करें तो भाजपा भी अंदर खाने अपनी तैयारी में जुटा है.बस उम्मीदवार कौन होगा यह पत्ता अभी नहीं खोले जा रहे है.लेकिन पिछले चुनाव को देख कर चर्चा है कि बाबूलाल सोरेन को ही चुनाव में भाजपा उम्मीदवार बना सकती है.अगर किसी तरह कोई उल्ट फेर होता है तो यह चुनाव परिणाम के लिए सही नहीं होगा.क्योकि इस इलाके में भाजपा के साथ साथ चंपाइ सोरेन का भी प्रभाव है और चंपाइ पहले से ही पूरी विसात इस सीट पर बिछा चुके है.

घाटशिला में वह अपने बेटे को उम्मीदवार बनाने के लिए पूरी ताकत झोंक चुके है.लगातार कई कार्यक्रम में शामिल हो कर सभी को एक जुट कर रहे है.जिससे चुनाव में फायदा हो सके.सभी आदिवासी संगठन के बीच चम्पाई बैठक कर रहे है.जिससे चुनाव में सीधा फायदा हो सके.

अब अगर देखे तो संभावना है कि झारखण्ड में उपचुनाव बिहार चुनाव के साथ हो सकता है.चुनाव आयोग भी अपनी तैयारी शुरू कर चूका है.मतदाता सूचि पुनरीक्षण से लेकर बूथ मैपिंग का काम पूरा हो गया.इस माह के अंतिम में मतदाता सूचि की अंतिम लिस्ट जारी की जा सकती है,जिसके बाद फिर चुनाव कराने के लिए आयोग पूरी तरह से तैयार रहेगा।