धनबाद (DHANBAD) : धनबाद में कोयले की अवैध माइंस और इससे उत्पादन के लिए भारी मशीनों का उपयोग बीसीसीएल के लिए तो चिंता का कारण है ही, सुरक्षा के ख्याल से भी यह काफी खतरनाक है. कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है. जिस तरह बीसीसीएल की ओपन कास्ट परियोजनाओं में भारी वाहनों का उपयोग होता है, कोयले का खनन किया जाता है, ठीक उसी तर्ज पर धर्मा बांध की बंगाली कोठी के जंगल में यह काम करते पकड़ा गया है. लोग सवाल कर रहे हैं कि कहां चले गए बीसीसीएल के ड्रोन कैमरे, कोयला चोरी रोकने के लिए तैयार किए गए सुरक्षा उपायों का क्या हुआ? बीसीसीएल के पास सीआईएसएफ की भारी फौज है, फिर भी चोरी छुपे नहीं, बल्कि डंके की चोट पर अवैध खदानें चलाई जा रही है. जिस जगह पर अवैध माइंस पकड़ में आई है, उससे पुलिस थाना बहुत दूर नहीं है.
भारी मशीनो का उपयोग खतरे की बड़ी घंटी
सूत्र तो यह भी बताते हैं कि बंगाली कोठी से उठा अवैध कोयला थाने के रास्ते होकर ही जाता है. फिर तो पुलिस पर भी सवाल उठना स्वाभाविक है कि इसकी जानकारी अगर पुलिस को थी, तो उसने क्या किया? यह बात भी सच है कि बंगाली कोठी के अवैध उत्खनन की के तरीके ने बीसीसीएल की चिंता बढ़ा दी है. कोयला तस्करों के कोयला उत्पादन का तरीका भी पूरी तरह से बीसीसीएल की तरह ही है. ओवर बर्डेन हटाने के लिए पोकलेन, जेसीबी सहित कई भारी मशीनों का उपयोग किया जा रहा था. यह काम चोरी-छुपे कतई संभव नहीं है. सैकड़ो वर्ग मीटर क्षेत्र में ओपन कास्ट की तर्ज पर अवैध खनन बड़ा सवाल है. जिस तरह बीसीसीएल द्वारा आवंटित आउटसोर्सिंग कंपनियां छोटे-छोटे पैच में कोयल का खनन करती हैं, ठीक उसी प्रकार धर्मा बांध की बंगाली कोठी में कोयला खनन किया जा रहा था.
यह इलाका बीसीसीएल गोविंदपुर क्षेत्र में पड़ता है
यह इलाका बीसीसीएल गोविंदपुर क्षेत्र में पड़ता है. इस अवैध खनन स्थल की तत्काल भराई कर दी गई है, लेकिन जिन कोयला चोरों-तस्करों के पास इतनी बड़ी-बड़ी मशीन उपलब्ध है. उन्हें फिर से कोयला काटना शुरू करने में कितना वक्त लगेगा? यह अपने आप में बड़ा सवाल है. कोयला चोरों-तस्करों की अवैध परियोजना किसी को भी चौंका सकती है. क्योंकि किसी भी मायने में यह बीसीसीएल की अपनी चालू परियोजना से कम नहीं है. मतलब यहां से रोज कितना कोयला अवैध ढंग से निकला जाता होगा, इसका अंदाज लगाना कठिन है. काफी किरकिरी होने के बाद सोमवार को सीआईएस एफ और पुलिस की टीम पहुंचकर इस अवैध कोयला खनन प्रोजेक्ट की भराई करा दी है. लेकिन इसके साथ ही कई सवालों को भी जन्म दे दिया है.
रिपोर्ट-धनबाद ब्यूरो
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