धनबाद (DHANBAD) : कतरास में भू-धंसान और आउटसोर्सिंग कंपनी की सर्विस वैन खाई में गिरने की घटना के बाद लोग डरे और सहमे हुए है. जहां भी उन्हें अवैध कोयला खनन की सूचना मिल रही है, विरोध शुरू कर दे रहे है. ऐसा ही मामला गुरुवार को तेतुलमारी  के चंदौर बस्ती में देखने को मिला. कोयले के अवैध मुहाने से डरे लोग उसे  बंद करने की मांग को लेकर सड़क पर उतर गए. निहोरा- चिरौरी  का जब कोई असर नहीं हो रहा तो लोग सड़क पर उतरने लगे है. प्रदर्शन करने लगे हैं, रोड जाम करने लगे है. तेतुलमारी  की चंदौर बस्ती के ग्रामीणों ने बस्ती के समीप कोयल का अवैध मुहाना खोलने का गुरुवार को तेज विरोध किया. ग्रामीण गुरुवार को पांडेडीह बाजार स्थित सिजुआ- राजगंज  मुख्य मार्ग को जाम कर दिया. महिलाओं के हाथ में झाड़ू था. उनके मन में गुस्सा भी बहुत था.  

बीसीसीएल मैनेजमेंट, सीआईएसएफ और पुलिस ग्रामीणों के निशाने पर थे 

बीसीसीएल मैनेजमेंट, सीआईएसएफ और पुलिस उनके निशाने पर थे. मुख्य मार्ग होने की वजह से देखते ही देखते सड़क जाम हो गई. वाहनों की लंबी कतार लग गई. आवागमन बाधित होने से परेशानी बढ़  गई.  पुलिस रोड जाम कर रहे ग्रामीणों को समझाने  का बहुत प्रयास किया, लेकिन ग्रामीण अपनी मांगों पर अड़े रहे.  करीब 2 घंटे तक सड़क जाम रही. उसके बाद तेतुलमारी  थाना प्रभारी पहुंचे और उन्होंने ग्रामीणों को भरोसा दिया कि  बहुत जल्द ही अवैध मुहाने को बंद करा  दिया जाएगा.  उसके बाद सड़क जाम हट गया. दरअसल, अवैध खनन  की वजह से ग्रामीणों को भय है कि उनकी बस्ती धंस जाएगी. उनका यह भी आरोप है कि कुछ  लोगों को बुलाकर दिन-रात कोयले की कटाई हो रही है और रात में छोटी- बड़ी गाड़ियों से कोयले की ढुलाई होती है. दरअसल, लगातार भू धंसान की घटनाओं से ग्रामीण भयभीत है. अभी हाल ही में भू धंसान की वजह से बड़ी घटना हुई, जिसमें सात लोगों की जान चली गई थी. 

कतरास की घटना के बाद विजय झा ने क्या उठाया था सवाल 

कतरास में धंसान की घटना के बाद पूर्व वियाडा अध्यक्ष विजय झा ने सवाल उठाया था कि जिस जगह पर कतरास में इतनी बड़ी घटना हुई, उससे मात्र दो किलोमीटर के एरियर डिस्टेंस पर टाटा -मलकेरा  कोलियरी है. वहां सीआईएसएफ की प्रति नियुक्ति नहीं है.  प्राइवेट गार्ड हैं, फिर भी एक ढेला भी कोयला चोरी नहीं होता है. किसी भी कोयला चोर अथवा तस्कर की हिम्मत नहीं होती है कि वहां से अवैध उत्खनन या कोयले की चोरी कर ले. उन्होंने कहा था कि बाघमारा, कतरास, झरिया सहित धनबाद कोयलांचल में 100 साल पहले कोयले का खनन शुरू हुआ था. कई जगह कोलियारियों को बंद कर दिया गया.  उस जगह पर कोयला चोरों को मुहाना खोलने में आसानी होती है. लेकिन अगर बीसीसीएल मैनेजमेंट सचमुच राष्ट्रीय संपत्ति की चोरी रोकना चाहता है तो वह सरल सा दो-तीन उपाय कर ले, तो कोयला चोरी खुद ब खुद बंद हो जाएगी. लेकिन इसके लिए इच्छा शक्ति होनी चाहिए. उन्होंने यह भी कहा है कि कतरास शहर केवल पिलर पर टिका है. भीतर से कोयला निकाल लिया गया है, लेकिन अब उन पिलरों की भी अवैध उत्खनन के जरिए कटाई हो रही है. ऐसे में शहर कब धंस जाए, बैठ जाए, यह कोई नहीं जानता.

रिपोर्ट-धनबाद ब्यूरो