रांची(RANCHI): आपातकाल के 50 साल पूरे होने पर रांची विधायक सीपी सिंह ने विपक्ष की भूमिका भलीभांति निभाई है. विधायक ने आपातकाल के दिनों को याद करते हुए बताया कि उस दौरान उन्हें भी जेल की सलाखों के पीछे भेजा गया था. ऐसे में वह समय न सिर्फ सीपी सिंह बल्कि देश के हर व्यक्ति के लिए काफी संघर्षों से भर हुआ था.  

आज उन दिनों को याद करके कार्यक्रम में उपस्थित रांची विधायक ने आपातकाल के दौरान स्वयं पर बीते घटनाओं का जिक्र किया है. उन्होंने बताया कि सन1975, में जून के महीने में कांग्रेस पार्टी से प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की सरकार के द्वारा मौलिक अधिकारों का हनन करते हुए सभी चीजों पर प्रतिबंध लगा दिया गया था. आपातकाल के दौरान जीतने भी विपक्ष के नेता थे, उन्हें जेल में बंद कर दिया गया था और उस वक्त की सरकार ने इतने ज़ुल्म किये थे जिसका कोई हिसाब नहीं है.

उस जमाने में लगभग 70 हजार लोगों की नसबंदी कराई गई थी. ऐसे में इंदिरा जी ने तब सत्ता में बने रहने के लिए लोकतंत्र की हत्या की थी. उन्होंने आगे कहा की उस दौर से पूरा देश गुजर है और भारत जैसे लोकतांत्रिक देश में लोगों के मूल भूत हक को भी छीन लिया गया था. साथ ही आगे चलकर कभी भी देश में ऐसी स्थिति न आए इसके लिए लोगों को सजग रहना होगा. बताते चले की अखिल भारतीय लोकतंत्र संघ के द्वारा झारखण्ड प्रदेश आपातकाल के 50वें वर्षगांठ पर एक दिवसीय सम्मलेन का आयोजन किया गया था. सम्मेलन में, उस दौरान राजधानी रांची समेत झारखंड के विभिन्न हिस्सों से बड़ी संख्या में गिरफ्तार किए गए लोगों में एक रांची के वर्तमान विधायक सी पी सिंह भी थे, वहीं कार्यक्रम में शामिल सभी गण मान्य व्यक्तियों ने आपातकाल विषय पर अपने विचारों को रखा है.