धनबाद (DHANBAD) : धनबाद में बड़ी संख्या में वृक्षों की कटाई हुई है. यह कटाई सड़कों की चौड़ाई को लेकर हुई है. फोर लेन, आठ लेन तथा धनबाद-गोविंदपुर रोड के चौड़ीकरण में वृक्षों की कटाई की गई है. शिकायत मिलने के बाद केंद्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्रालय गंभीर हो गया है. मंत्रालय का एक पत्र झारखंड वन विभाग के प्रिंसिपल सेक्रेटरी को भेजा गया है. पत्र में कहा गया है कि एक शिकायत प्राप्त हुई है. यह शिकायत पूर्व वार्ड पार्षद निर्मल कुमार मुखर्जी ने भेजी है. कहा गया है कि फोरलेन, आठ लेन तथा धनबाद-गोविंदपुर रोड निर्माण में बड़ी संख्या में पेड़ों की कटाई हुई है और यह नियम के खिलाफ है. पेड़ों की संख्या भी नहीं बताई गई है.  

सड़कों के किनारे अब शीतलता कहां 

यह मामला झारखंड सरकार के अधीन का है.  पत्र में कहा गया है कि झारखंड सरकार और रांची क्षेत्रीय कार्यालय इस शिकायत की जांच करें और 10 दिन के भीतर एक्शन टेकन रिपोर्ट मंत्रालय को भेजे. बता दें कि धनबाद में विकास के नाम पर वृक्षों की कटाई हुई है, जितने वृक्ष कटे हैं, उसकी संख्या की जांच करने को कहा गया है. यह बात सच है कि जीवन को रफ्तार देने के लिए सड़के चौड़ी हुई, नई सड़क बनी, लेकिन इसके लिए वृक्षों को बलिदान देना पड़ा. धनबाद- बरवाअड्डा मार्ग कभी हारा भरा और छांव देने वाला रास्ता माना जाता था.  दोनों और विशाल पेड़ इस सड़क की पहचान थे.  लेकिन कभी शीतलता देने वाला यह इलाका अब वैसा नहीं रहा.  

विकास योजनाओं की भेंट चढ़ गए पुराने पेड़ 

लगभग सभी इलाकों के  पुराने वृक्ष विकास योजनाओं की भेंट चढ़ गए. सड़क के किनारे अब पीपल और बरगद के पेड़ तलाशने पर कहीं मिलते है. पूजा -पाठ के लिए भी पीपल के पेड़ तलाशने पड़ते है. कोयला खनन की वजह से कोयलांचल में प्रदूषण की मात्रा अधिक है. ऐसे में पेड़ों का नहीं होना, कटे पेड़ों से अधिक मात्रा में वृक्ष नहीं लगाया जाना, भविष्य के लिए खतरा हो सकता है. फिलहाल कोयलांचल  में ओपन कास्ट खनन  का प्रचलन बढ़ा है.  ऐसे में अधिक प्रदूषण होता है. फिर तो और अधिक वृक्ष लगाने की जरूरत होगी.  खैर, केंद्रीय पर्यावरण मंत्रालय धनबाद में वृक्षों की कटाई को लेकर अब गंभीर हुआ है, तो देखना है कि आगे परिणाम क्या निकालते हैं?

रिपोर्ट -धनबाद ब्यूरो