पलामू(PALAMU): शहीद सुनिल राम का पार्थिव शरीर गुरुवार को जैसे ही हैदरनगर पहुँचा, लोग उनके अंतिम दर्शन को उमड़ पड़े. महिला-पुरुष, बच्चे-बूढ़े सभी अपने वीर सपूत को देखने के लिए आतुर थे. जगह-जगह फूल- माला अर्पित कर उन्हें श्रद्धांजलि दी गई. गुरुवार को उनके पैतृक आवास पर शव को रखा गया. क्योंकि सुनील राम के माता पिता हरियाणा में थे. उनके शुक्रवार को परता गांव पहुंचने के बाद दाह संस्कार की प्रक्रिया शुरू की गई.
बलिदानी सुनील राम को गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया. जब शव यात्रा पैतृक गांव परता से निकली तो माहौल गम और गर्व से विभोर हो उठा. हजारों की भीड़ उमड़ साथ चल रही थी. युवा लगातार सुनील राम अमर रहे के नारे लगाते रहे. हर किसी की आँखें नम थीं,. लेकिन चेहरे पर गर्व साफ झलक रहा था. मुखाग्नि से पहले पुलिस जवानों ने सलामी देकर अपने साथी को अंतिम सम्मान अर्पित किया. इसके बाद बलिदानी सुनिल राम को उनके पिता मलुकन राम ने मुखाग्नि दी.इससे पूर्व डीएसपी एस मोहम्मद याकूब ने शहीद के पार्थिव शरीर पर लिपटे तिरंगे को सम्मन पूर्ववक उतारने के बाद सलामी दी एवं तिरंगा को उनके पिता को सुपुर्द किया. ततपश्चात द लास्ट पोस्ट नेशनल धुन व फायरिंग कर सलामी दी गयी.पूरे क्षेत्र से उमड़ी जनसैलाब ने यह साबित कर दिया कि सुनील राम का बलिदान कभी भुलाया नहीं जाएगा.
मौके पर पुलिस अधिकारी उपस्थित
शाहिद सुनील राम का पार्थिव शरीर तिरंगा में लपटे हुए फूल माला से सजी अर्थी जैसे को सर्वप्रथम अभियान एसपी राकेश कुमार, एसडीपीओ एस मोहम्मद याकूब, थाना प्रभारी अफजल अंसारी, थाना प्रभारी सोनू कुमार चौधरी आदि ने कांधा दिया. भारी संख्या में ग्रामीण, विधायक,सामाजिक कार्यकर्ता, प्रशासनिक अधिकारी साथ साथ चल रहे थे. सुनिल राम के घर से शव यात्रा परता गांव स्थित सोन नदी के तट पर पहुंची. शव यात्रा में एलआरडीसी गौरांग महतो, हैदरनगर सीओ संतोष कुमार, हुसैनाबाद अनुमण्डल पुलिस पदाधिकारी आईपीएस एस मोहम्मद याकूब,डीएसपी नीरज कुमार,अंचल पुलिस निरीक्षक विनोद राम, हैदरनगर थाना प्रभारी अफजल अंसारी, मोहम्मद गंज नारायण सोरेन, हुसैनाबाद के थाना से पुअनि श्रीनिवास शर्मा, मुकेश कुमार सिंह, मुकेश कुमार, कालिया राम,रीडर शेखर सुमन, पूर्व थाना प्रभारी संजय यादव,समेत जिला व भारी संख्या में पुलिस अधिकारी व जवान सुनील राम के घर पंहुचे थे.
हुसैनाबाद विधायक ने जताया शोक- सरकार से परिवारों को मुआवजा और नौकरी देने की मांग
हुसैनाबाद के विधायक सह राजद के प्रदेश अध्यक्ष संजय कुमार सिंह यादव ने हैदरनगर थाना क्षेत्र के परता गांव के शहीद जवान की शहादत पर गहरी संवेदना व्यक्त की है. उन्होंने कहा कि यह पूरे क्षेत्र के लिए अपूरणीय क्षति है. विधायक ने कहा कि सुनील राम की शहादत ने साबित कर दिया है कि पलामू की धरती वीरों की जननी है. उन्होंने कहा कि सुनिल राम व संतान मेहता दोनों सपूतों की कुर्बानी को हमेशा याद रखा जाएगा. इससे नक्सलवाद के खिलाफ लड़ाई और मजबूत होगी. विधायक ने राज्य सरकार से शहीद परिवारों को सम्मानजनक मुआवजा, परिवार के एक सदस्य को नौकरी और बच्चों की शिक्षा की पूरी जिम्मेदारी के लिए बात करेंगे. उन्होंने कहा कि यह समाज और सरकार की जिम्मेदारी है कि शहीदों के परिजनों का भविष्य सुरक्षित रहे.
सुनिल राम के दो छोटे मासूम बच्चों को देख सभी की आंखें भर आई
परता गांव के बलिदानी सुनील राम की पत्नी शोभा देवी व दो मासूम बच्चों 7 वर्षीय युवराज व 5 वर्षीय आयुष को देख सभी की आंखें भर आई. अंतिम संस्कार के समय मासूम अपने पिता की अर्थी को पकड़ कर सिसक रहे थे. वहीं सुनील के पिता मलुकन राम मुखाग्नि देने की तैयारी में जुटे थे. सुनिल की विधवा शोभा देवी रोते रोते अचेत हो रही थी, माता और अन्य महिलाओं का रो रो कर बुरा हाल है. बलिदानी सुनिल राम अपनी पत्नी व बच्चों के साथ डाल्टनगंज में रहते थे. उनके पिता हरियाणा में मेहनत मजदूरी करते थे. सुनिल राम के माता पिता के अलावा एक भाई है. घटना के दिन सुनील राम का पत्ता स्थित घर पर कोई नहीं थे. घर में ताला बंद था. पत्नी और बच्चे डाल्टनगंज में ही थे. सभी गुरुवार को शव के साथ परता पहुंचे. जबकि उनके माता पिता शुक्रवार की सुबह 5 बजे हरियाणा से हैदारनगर पहुंचे.
सुनिल राम की शव यात्रा में शामिल हुए राजनीतिक सामाजिक नेता कार्यकर्ता
शुक्रवार को सुबह 9:30 बजे बलिदानी सुनील राम की शव यात्रा उनके परता स्थित आवास से निकली. इससे पूर्व उन्हें श्रद्धांजलि देने वालों का तांता लगा रहा. श्रद्धांजलि देने के बाद सभी शव यात्रा में शामिल हुए व दाह संस्कार के अंतिम क्षण तक कड़ी धूप में डटे रहे. विधायक संजय कुमार सिंह यादव, भाजपा के वरिष्ठ नेता कामेश्वर कुशवाहा,बिनोद पांडेय, सांसद प्रतिनिधि नरेंद्र कुमार सिंह, जेएमएम नेता रामप्रवेश सिंह, जेएमएम के जिला उपाध्यक्ष विवेक कुमार सिंह,अशोक सिंह, मुखिया कौशल किशोर, पीएसएस गुप्तेश्वर पांडेय, जितेंद्र पासवान,रामप्रवेश मेहता,जफर इमाम के अलावा सैकड़ों राजनीति सामाजिक कार्यकर्ता शामिल थे.
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