रांची (RANCHI): राजधानी रांची स्थित होटवार के बिरसा मुंडा सेंट्रल जेल में भोजन और व्यवस्था को लेकर चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं. राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण (डालसा) द्वारा 12 से 29 नवंबर के बीच चलाए गए निरीक्षण अभियान में 400 कैदियों, 200 विचाराधीन और 200 सजायाफ्ता से बातचीत की गई, जिसमें कई गंभीर अनियमितताएँ उजागर हुईं. कैदियों ने बताया कि उन्हें रोज़ाना जिस स्तर का भोजन दिया जाता है, वह इतना खराब होता है कि “जानवर भी न खाएं”.
कैदियों के अनुसार, रोटी इतनी सख्त होती है कि रातभर में पत्थर की तरह जम जाती है. कई कैदी इसे आग पर सेंककर किसी तरह खाने लायक बनाते हैं. गरीब कैदियों के लिए स्थिति और भी गंभीर है, क्योंकि उनके पास बाहर से कुछ खरीदने की गुंजाइश नहीं होती. दाल के नाम पर भी सिर्फ पानी परोसा जाता है, जिससे पेट भरना मुश्किल हो जाता है. कैदियों का कहना है कि केवल अधिकारियों के निरीक्षण के दिनों में ही खाना बेहतर परोसा जाता है, जबकि सामान्य दिनों में उन्हें बासी और घटिया भोजन दिया जाता है.
जेल के अंदरूनी माहौल को लेकर भी चिंताजनक जानकारी सामने आई है. कई कैदियों ने दावा किया कि दबंग कैदियों के गुर्गों का जेल के भीतर दबदबा रहता है. यदि कोई कैदी भोजन या अन्य समस्याओं पर आवाज उठाता है, तो उसे प्रताड़ित किया जाता है और जेल प्रशासन अक्सर इन शिकायतों को दबा देता है.
निरीक्षण के दौरान जेल कैंटिन में अनियमितताओं के गंभीर आरोप भी सामने आए. मानवाधिकार कार्यकर्ता राजेश कुमार ने जेल आईजी को पत्र भेजकर दावा किया कि एनआईए केस का आरोपी प्रभु साहू प्रशासन की मिलीभगत से कैंटिन चलाता है और कैदियों से 7,000 रुपये तक वसूली करता है. रिपोर्ट के मुताबिक, कैंटिन में टमाटर 100 रुपये प्रति किलो और प्याज 150 रुपये प्रति किलो की दर से बेचे जाते हैं. कई कैदियों ने भी इन मनमानी कीमतों और अवैध वसूली की पुष्टि की है.

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