धनबाद (DHANBAD) : कम से कम हिंदी पट्टी में अब चुनाव के मुद्दे बदल रहे है. बिहार में तो चुनाव चल रहा है, पहले चरण की वोटिंग हो गई है. दूसरे चरण की वोटिंग 11 नवंबर को है. इधर, झारखंड के घाटशिला विधानसभा उपचुनाव की वोटिंग भी 11 नवंबर को है और काउंटिंग 14 नवंबर को होगी. इस बीच एक बात जो साफ दिख रही है कि चुनाव के मुद्दे अब बदल रहे है. बिहार में तो सभी दल रोजगार की बात कर रहे है. यह अलग बात है कि रोजगार और पलायन का मुद्दा बिहार में जान सुराज के सूत्रधार प्रशांत किशोर ने बनाया और सभी दल उसे लपकने की कोशिश कर रहे है. कोई बिहार में फैक्ट्री खोलने की बात कर रहा है, तो कोई एक करोड़ को रोजगार देने की बात कर रहा है. तो कोई हर घर से एक को सरकारी नौकरी देने की बात कह रहा है. तो कोई 10 से 12,000 की नौकरी बिहार में ही देने की बात कर रहा है.
घाटशिला उपचुनाव में भी रोजगार की बात प्रमुख हो गई है
इधर, घाटशिला उपचुनाव में भी रोजगार की बात आ गई है. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने शुक्रवार को कहा कि झारखंड सरकार बेरोजगारों को रोजगार देने की हर संभव कोशिश कर रही है. उन्होंने ऐलानिया अंदाज में कहा कि झारखंड में स्थापित होने वाली कंपनियों को 75% नौकरी स्थानीय लोगों को देनी होगी. ऐसा नहीं करने वाली कंपनियों के लिए राज्य में अब कोई स्थान नहीं होगा. वह घाटशिला विधानसभा क्षेत्र में महागठबंधन के उम्मीदवार सोमेश चंद्र सोरेन के पक्ष में जनसभा कर रहे थे. उन्होंने भाजपा पर कड़ा हमला बोला. कहा कि झारखंड में 18 साल ने इसी पार्टी ने शासन किया. उसने राज्य को लूटकर खोखला कर दिया. अगर शुरू से ही झामुमो की सरकार रहती तो आज स्थिति कुछ दूसरी होती. खैर, यह बात तो तय है कि अब चुनाव के मुद्दे बदल रहे है.
खासकर युवाओ की जमात रोजी -रोजगार, धंधा-व्यवसाय पर पार्टियों को तौल रहे
लोग रोजी-रोजगार, धंधा-व्यवसाय, शिक्षा की बात पर पार्टियों का विजन देखना और सुनना पसंद कर रहे है. बता दें कि झारखंड हो या बिहार, युवाओं के सामने नौकरी और रोजगार सबसे बड़ा मुद्दा है. चुनाव ही एक ऐसा वक्त है, जब हर वर्ग के लोग अपनी अपेक्षाओं को तौलते है. बिहार चुनाव में तो सरकारी नौकरी और रोजगार की बात, युवाओं के हक की बात सभी कर रहे है. एक तरफ सत्ता पक्ष इस संबंध में अपनी उपलब्धियां गिना रहा है, तो दूसरी ओर विपक्ष का दावा है कि उसके प्रयासों की वजह से यह आंकड़े सामने आ रहे है. नीतीश कुमार ने घोषणा की है कि 2025 से 30 के बीच एक करोड़ की संख्या में सरकारी नौकरी और रोजगार उपलब्ध करा दिए जाएंगे. निजी क्षेत्र में सृजित होने वाली नौकरियां तथा रोजगार को भी जोड़ा जा रहा है.
रिपोर्ट-धनबाद ब्यूरो

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