रांची(RANCHI):झारखंड में अंचल कार्यालय मानो लूट का नया अड्डा बना गया हो. कार्यालय में घुसने के साथ ही हर कदम पर पैसे की डिमांड होती है. अगर बिना पैसे के कोई अंचल में कदम रख दे तो मानो गुनाह जैसा होता है. यह हाल किसी एक अंचल का नहीं है. बल्कि 263 अंचल कार्यालय में पैसे का खेल चल रहा है. इसकी कई तस्वीर सामने आई है. जमीन के दाखिल खारिज का मामला हो या राजस्व रशीद कटवाना हो या फिर जमीन मापी के लिए अमीन बुलाने का मामला. सभी में वसूली जारी है.
रांची में खुली पोल,जमीन के नाम पर रिश्वत लेते धराए
सबसे पहले और बड़ी तस्वीर की बात करें तो रांची शहर अंचल कार्यालय के अंचल अधिकारी मुंशी राम की गिरफ़्तारी खूब सुर्खियों में रही. जमीन के मामले में मोटी रकम मांगी और सलाखों के पीछे पहुंच गए. इसके बाद जब रेड पड़ी तो मानो खजाना निकल गया. इनके घर से नगद 11 लाख 42 हजार रुपये बरामद किए गए.बताया गया कि पूरा पैसा रिश्वत का है.
नावा बाजार में रिश्वतखोर अंचल अधिकारी गिरफ्तार
इसके बाद फिर बड़ी कार्रवाई नावा बाजार अंचल से सामने आई. अंचल अधिकारी शैलेन्द्र कुमार को ACB ने गिरफ्तार किया. गिरफ़्तारी हुई एक जमीन के मामले में रिश्वत लेते हुए. गिरफ्तार करने के बाद ACB को जानकारी मिली की बड़े पैमाने पर अंचल में खेल चल रहा था. इसी बीच एक शिकायत मिली और फिर कार्रवाई की गई.
हुसैनाबाद में पैसा नहीं दिया तो लात मार कर निकाला!
अब यह बताने को काफी है कि अंचल में लूट की खबर सिर्फ कहानी नहीं है. अब एक तस्वीर पलामू के हुसैनाबाद अंचल की भी सामने आई. जहां एक बुजुर्ग को दो माह सिर्फ इस लिए दौड़ाया गया की वे सरकारी बाबू को बिना चढ़ावा दिए काम करवाना चाह रहे थे. इस बीच जब अंचल अधिकारी के पास पहुंचे और फ़रियाद लगाया की साहब काम करवा दीजिए. लेकिन अंचल अधिकारी को गुस्सा आ गया और बुजुर्ग को लात मार कर निकाल दिया.
तीन मामले यह बताने को काफी है कि लूट हर तरफ
यह तीन घटना को देख कर यह तो साफ हो गया है कि अधिकारी सरकारी दफ्तर में बैठ कर लूटने का काम करते है. हर दिन अंचल में सैकड़ों लोग इस उम्मीद में पहुंचते है कि अब उनका काम हो जाएगा. लेकिन दिन भर अंचल में दौड़ लगाने के बाद फिर वापस लौटना पड़ता है.यह दौड़ तब तक लगानी पड़ती है जब तक बाबू तक पैसा ना पहुँच जाए.
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