धनबाद(DHANBAD): अगर किसी रूट की वंदे भारत ट्रेन को जरूरत भर यात्री नहीं मिल रहे हो ,तो रेलवे क्या करेगा? नुकसान बर्दाश्त कर रेलवे कितने दिन तक ट्रेन चलाएगा? धनबाद होकर चल रही वंदे भारत एक्सप्रेस को जरूरत भर यात्री नहीं मिल रहे है. हर दिन ट्रेन एवरेज 500 से 600 खाली सीट के साथ चल रही है. इस वजह से इस ट्रेन के परिचालन के भविष्य को लेकर कई तरह के सवाल उठ खड़े हुए है. 18 सितंबर 2024 से यह ट्रेन हावड़ा -गया के बीच चल रही है. गुरुवार को छोड़कर यह ट्रेन हर दिन चलती है. ट्रेन में 14 चेयर कार और दो एग्जीक्यूटिव क्लास की बोगियां जुड़ती है. यह अलग बात है कि धनबाद से हावड़ा जाने वाले यात्रियों की संख्या अच्छी खासी है. धनबाद से हावड़ा के बीच बुकिंग अच्छी है ,लेकिन समग्र रूप से इतनी खाली सीटों के साथ यह ट्रेन कितने दिनों तक चल पाएगी, यह सवालों के घेरे में है.
कारोबार को लेकर धनबाद -कोलकत्ता जुड़ा हुआ है
चुकि , धनबाद से कोलकाता जाने वाले यात्रियों की संख्या अधिक होती है. व्यवसाय की वजह से धनबाद और कोलकाता लगभग जुड़ा रहता है. इस वजह से किसी भी ट्रेन में यात्रियों की संख्या धनबाद और हावड़ा के बीच कम नहीं होती है. वंदे भारत ट्रेन जब गया और हावड़ा के बीच शुरू की गई थी , तब से ही यह सवाल उठ रहे हैं कि यह ट्रेन रेलवे के लिए लाभदायक नहीं रहेगी. इसका विकल्प यह दिया गया कि इस ट्रेन को हावड़ा से वाराणसी या फिर हावड़ा से धनबाद- गया होकर पटना तक चलाया जाए. लोगों का मानना है कि अगर ट्रेन के रूट का परिवर्तन कर दिया जाए, तो सीट खाली नहीं रह सकती है.
2025 के अंत तक स्लीपर कोच वाली वंदे भारत एक्सप्रेस भी चल सकती है
बता दे कि 2025 के अंत तक स्लीपर कोच वाली वंदे भारत एक्सप्रेस भी चल सकती है. इसके लिए काम तेजी से चल रहा है. पहले चरण में देश के 10 रूटों पर स्लीपर कोच वाली वंदे भारत एक्सप्रेस को चलाने की योजना है. इन 10 रूटों में धनबाद होकर हावड़ा -नई दिल्ली या सियालदह नई दिल्ली रूट भी शामिल है. हालांकि अभी रूटों को लेकर अधिकृत घोषणा नहीं की गई है. खैर, जो भी हो, जब सितंबर 2024 में यह ट्रेन शुरू हुई तो धनबाद के लोगों ने इसका दिल खोलकर स्वागत किया था. यह अलग बात है कि उस समय भी सवाल किये जा रहे थे कि ट्रेन का किराया थोड़ा अधिक है. इस वजह से आगे चलकर यात्रियों की रुचि कम हो सकती है.
रिपोर्ट -धनबाद ब्यूरो
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