धनबाद(DHANBAD): धनबाद उत्पाद विभाग हिल गया है. रांची की टीम ने गुरुवार को धनबाद की शराब दुकानों में छापेमारी कर पांच को हिरासत में लिया था.  उन सभी पांच को शुक्रवार को जेल भेज दिया गया है.  छापेमारी के बाद धनबाद उत्पाद विभाग एक तरह से आरोपों से घिर गया है.  सहायक उत्पाद आयुक्त कहते हैं कि जो भी मामला पकड़ में आया है, उसके लिए दारोगा  और इंस्पेक्टर जिम्मेवार है.  शहर में हो रहे इस तरह के गोरखधंधे की जानकारी उन्हें क्यों नहीं थी? ऐसे अधिकारियों के खिलाफ विभाग कार्रवाई करेगा.  सरकार को उनके सस्पेंशन के लिए लिखा जाएगा.  इधर, शराब दुकानों के सेल्समैनों ने शुक्रवार को दुकान बंद कर उत्पाद कार्यालय पहुंचे.  सहायक उत्पाद आयुक्त से बात की.  सहायक उत्पाद आयुक्त ने उन्हें बताया कि अब उनके हाथ में कुछ नहीं है. जब्ती  सूची पर मजिस्ट्रेट का हस्ताक्षर हो गया है.  अब हम कुछ नहीं कर सकते.  लेकिन आप लोग दुकान बंद भी नहीं रख सकते, इसलिए जाकर दुकान खोल दे. 

उखाड़े जा रहे पुराने मामले ,लगाए जा रहे आरोप 

 इसके बाद वहां मौजूद सेल्समैनो  ने मीडिया से बात करते हुए विभाग की पोल -पट्टी खोल दी.  कई गंभीर आरोप लगाए कहा कि सबकी सांठगांठ  से यह सब होता है.  और बलि  का बकरा सेल्समैनो  को बनाया जाता है, जो गलत है. जो गलत कर रहे या किये है , उनके खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए लेकिन निर्दोष लोगों को भी जेल भेजा गया है, इसी का हम विरोध कर रहे है.  सेल्समैनो  ने उत्पाद विभाग के किसी कुलदीप दारोगा  का नाम लेकर कहा कि छापेमारी के दौरान उन्होंने एक निर्दोष बुजुर्ग व्यक्ति पर हाथ छोड़ दिया.  यह सरासर  अन्याय है.  निर्दोष लोगों को भी जेल भेजा गया है.  इसे हम बर्दाश्त नहीं करेंगे.  आदेश हो गया है, तो उन्हें दुकान तो खोलनी  ही होगी.  लेकिन अब हम इसके खिलाफ लड़ाई लड़ेंगे. 

 सेल्समैनों के निशाने पर दारोगा कुलदीप 
 
सेल्समैनों ने सवाल किया है कि कुलदीप दारोगा  का एरिया भी नहीं था, फिर वह कैसे पंहुचा.  उन्हें कैसे पता चला कि शराब नकली थी.  शराब की कोई जांच नहीं हुई, सिर्फ बोतल को हिलाया गया और बता दिया गया कि यह शराब नकली है.  बता दे कि गुरुवार को धनबाद उत्पाद विभाग को बगैर सूचना दिए रांची की टीम सीधे  दो दुकानों में रेड किया.   टीम के साथ दंडाधिकारी भी मौजूद थे.  उसके बाद अवैध शराब जब्त  की गई.  पांच लोगों को हिरासत में लिया गया था.  जिन्हें शुक्रवार को जेल भेज दिया गया.  इसके बाद नए ढंग का बखेड़ा शुरू हो गया है.  आरोप- प्रत्यारोप का दौर शुरू हो गया है.  सेल्समैनों ने स्पष्ट आरोप लगाया कि उत्पाद विभाग के अधिकारी गलत करने के लिए उन्हें दबाव डालते है.  नहीं करने  पर उन्हें परेशान किया जाता है.