रांची(RANCHI):  झारखंड में नक्सलियों के हेड मुख्यालय को अब ध्वस्त करने की तैयारी है. नक्सली जिस सरांडा को अपना सेफ जोन मान कर चल रहे है. अब उसी इलाके में घिर गए है. साथ ही जवान हर दिन उग्रवादियों के नजदीक आगे बढ़ रहे है. अभियान में कई कामयाबी भी मिली. सैकड़ों IED नष्ट किया है. साथ ही दर्जनों बंकर को ध्वस्त कर दिया.अब सीधे टारगेट पर तीन कुख्यात माओवादी है. इस पूरे अभियान की निगरानी पुलिस मुख्यालय से की जा रही है.

अगर बात सारंडा की करें तो यह इलाका नक्सलियों का गढ़ माना जाता है. इसे नक्सलियों का हेड क्वार्टर कहे तो गलत  नहीं होगा. क्योंकि पूरी नक्सल गतिविधि इसी इलाके से चलती है.सारंडा के जंगल में कुख्यात मिसिर बेसरा,एनल दा,असीम मण्डल जैसे माओवादी है.सभी पर एक एक करोड़ का इनाम भी सरकार ने रखा है. ऐसे में इनका खात्मा होने के बाद झारखंड में नक्सलियों का उठना फिर मुश्किल हो सकता है. कई बार नक्सली और सुरक्षा बल के जवान आमने सामने हुए. लेकिन  हर बार सभी जंगल का फायदा उठा कर भाग जाते है.

 सारंडा के टोटो, टोलकों, छोटानागार, जराईकेला गोइल केरा समेत अन्य इलाकों में नक्सलियों की गतिविधि देखी जाती है. यही वजह है कि इस इलाके में घेराबंदी की जा रही है. CRPF, कोबरा, झारखंड जगुआर, झारखंड पुलिस और JAP  के जवान मोर्चा संभाल कर जंगल में डटे हुए है. इस बीच हर दिन अभियान जंगल में चल रहा है. अभियान में नक्सलियों के माँद में घुस कर जवान टारगेट कर रहे है.यही वजह है कि नक्सलियों के बंकर बारूद को नष्ट कर आगे बढ़ते जा रहे है. एक दिन पहले ही टोलकों थाना क्षेत्र में नक्सलियों के डंप को ध्वस्त किया है.साथ ही 52 किलो विस्फोटक को बम निरोधक दस्ते ने नष्ट कर दिया.

ऐसे में लगातार नक्सलियों के छुपाये हुए बारूद और IED को जवान नष्ट कर रहे है. दूसरी ओर नक्सलियों के पास कोई सहायता नहीं  पहुँच रही है.क्योंकि जंगल की पूरी तरह से घेराबंदी कर दी गई है. सभी जगह पर विशेष चौकसी बरती जा रही है. जिस वजह से आने वाले दिनों में नक्सलियों के पास हथियार और बारूद की भी कमी होगी. जिससे अभियान और आसानी से पूरा हो जाएगा.

झारखंड के साथ साथ ओडिसा बॉर्डर में भी नक्सल विरोधी अभियान झारखंड और ओडिसा पुलिस साथ में चला रही है. यही वजह है कि अब नक्सलियों के पास कोई रास्ता नहीं बचा है. वे पूरी तरह से जंगल में घिर गए है. और बीच बीच में IED ब्लास्ट कर खुद को बचा रहे है. लेकिन अभियान में कोई कमी नहीं  आई है. बरसात के बावजूद जवान मोर्चा संभाल कर डटे हुए है.