गढ़वा (GARHWA) :  गढ़वा जिला मुख्यालय से पांच किलोमीटर की दूरी पर लघमा के कैलाश पर्वत की गुफा आजकल चर्चा में है. यह गुफा चर्चा में इसलिए आई क्योंकि यहां एक चमत्कारी सिक्का मिला. इसे देखने और पूजा करने के लिए आसपास के लोगों की भीड़ जुटने लगी है. यहां पर 1818 ई. का एक चमत्कारी सिक्का मिला है. जिसे एक बच्ची अपने घर ले गई. घर ले जाकर सिक्के को अपनी मां को थमाया. जब मां को सिक्का मिला तो वो उसे बेचने के लिए गढ़वा बाजार पहुंची. लेकिन उसी रात एक बड़ी घटना घटित हो गई.

जो बच्ची सिक्के को घर लेकर गई थी और उसकी मां समेत आधा दर्जन लोगों को उसी रात सांप ने डस लिया. जिस महिला ने सिक्का बेचने की कोशिश की थी उसकी मौत हो गई और बाकी पांच लोग ठीक हो गए. घटना के बाद सिक्के को सम्मानपूर्वक रख दिया गया और पूजा-अर्चना शुरू कर दी गई. फिर सर्पदंश की घटना बंद हो गई.

दरअसल गढ़वा सदर प्रखंड के लघमा गांव का यह वही कैलाश पर्वत है, जहां भगवान भोले शंकर गुफा में विराजमान हैं. यह गुफा चर्चा में इसलिए आई क्योंकि यहां एक चमत्कारी सिक्का मिला. इसे देखने और पूजा करने के लिए आसपास के लोगों की भीड़ जुटने लगी है. स्थानीय लोगों का कहना है कि एक बच्ची को वहां 1818 ई. का एक प्राचीन सिक्का मिला था. जिस पर एक तरफ राम दरबार और दूसरी तरफ बजरंगबली की तस्वीर है. बच्ची ने वह सिक्का अपनी मां को दे दिया जो उसे बेचने के लिए गढ़वा के सुनार के पास गई लेकिन वह सिक्का नहीं बिका. वह उस सिक्के को लेकर घर आ गई, उसी रात एक सांप ने मां और बच्ची समेत घर के आसपास के आधा दर्जन लोगों को डस लिया, जिससे बच्ची की मां की मौत हो गई. जबकि बाकी लोग इलाज के बाद ठीक हो गए. इस घटना से गांव के लोगों में दहशत फैल गई, जिसके बाद कैलाश पर्वत के पुजारी को बुलाकर सिक्के को सम्मानपूर्वक शिव पहाड़ी स्थित मंदिर में रखवाया गया और पूजा-अर्चना की गई. लोगों का कहना है कि पूजा-अर्चना के बाद अब गांव में किसी भी तरह की कोई हानि नहीं हो रही है.

रिपोर्ट- धर्मेंद्र कुमार