धनबाद(DHANBAD): चुनाव बिहार में होने जा रहा है लेकिन इसकी चर्चा बिहार में तो है ही, झारखंड में भी कम नहीं है. झारखंड से बिहार के चुनाव का गुणा भाग निकाला जा रहा है. इस मामले में डुमरी के चर्चित विधायक जयराम महतो ने भी अपनी बाहरी भीतरी की राजनीति पर एक तरह से सफाई दी है.
उन्होंने सोशल मीडिया पर पोस्ट कर कहा है कि बिहार में चुनाव हो रहा है, जो लोग हमसे कहते हैं कि विधायक जी, आप बहरी भीतरी की बात करते हैं, उनसे निवेदन करते हैं कि बिहार में झारखंड मुक्ति मोर्चा को एको गो सीट दिला के दिखा दीजिए तो..... खैर ,विधायक जयराम महतो ने झामुमो के दुखते नब्ज पर हाथ रख दिया है.
एक साथ उन्होंने कई बिंदुओं को साधने की कोशिश की है. यह बात सच है कि बिहार में कोऑर्डिनेशन कमिटी की बैठक तक में झारखंड मुक्ति मोर्चा को आमंत्रित नहीं किया गया. इस वजह से झारखंड मुक्ति मोर्चा नाराज चल रहा है. झारखंड मुक्ति मोर्चा बिहार के एक दर्जन सीटों पर चुनाव लड़ने का मन बनाए हुए हैं. यह सीट झारखंड से सटे इलाकों का है. झारखंड में राजद और कांग्रेस के सहयोग से हेमंत सोरेन के नेतृत्व में सरकार चल रही है. बिहार में राजद "ड्राइविंग सीट" पर है.
2024 के झारखंड विधानसभा चुनाव में राजद को 7 सीट मिली थी. बिहार के चुनाव में भी झामुमो अपनी मजबूत दावेदारी पेश करने का मन बनाए हुए है. 2024 में झारखंड में सबसे बड़ी पार्टी बनने के बाद झारखंड मुक्ति मोर्चा दूसरे प्रदेशों में भी अपनी पकड़ बनाने के लिए लगातार प्रयास कर रहा है. झारखंड मुक्ति मुक्ति मोर्चा यह संदेश दे चुका है कि बिहार में वह चुनाव लड़ेगा. लेकिन अभी तक पार्टी को बिहार में कोई महत्व नहीं दिया गया है .
ऐसे में झारखंड मुक्ति मोर्चा पर एक तरह से विधायक जयराम महतो ने तंज कसा है और अपनी राजनीति को आगे बढ़ाने के दिशा में एक संकेत दिया है. यह अलग बात है कि अगर बिहार में झामुमो को टिकट नहीं मिला, तो झारखंड की राजनीति पर भी इसका बड़ा असर हो सकता है. अगर झारखंड मुक्ति मोर्चा एक दर्जन सीटों पर बिहार में अपने उम्मीदवार खड़े कर दिए तो महागठबंधन के लिए भी बड़ा संकट पैदा हो सकता है. लेकिन राजनीति में कब ऊंट किस करवट बैठेगा, यह कहना कठिन है.
रिपोर्ट: धनबाद ब्यूरो
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