दुमका(DUMKA): झारखंड के प्रसिद्ध तीर्थ-स्थल बासुकीनाथ में वर्षों से चली आ रही परंपरा के अनुसार रविवार को ग्रामीणों और स्थानीय पंडा-पुरोहितो द्वारा धूम-धाम से नवान्न पर्व मनाया गया. भारतीय संस्कृति में पर्व-त्योहारों का अपना एक अलग महत्व होता है. सभी अपनी पुरातन परम्पराओं के अनुसार अलग-अलग तरह के त्योहार मनाते हैं. ग्रामीण इलाकों के कुछ पर्व-त्योहार आज भी अपने आप में अनोखे होते हैं. इसी तरह का एक पर्व है नवान्न. नवान्न के दिन किसान अपनी खेतीबाड़ी से मुक्त होकर नए अन्न का भोग भगवान को चढ़ाते हैं और फिर प्रसाद के रूप में इसे ग्रहण करते हैं. वहीं अन्य राज्यों में इस पर्व को बिहु और भोगाल बिहू के नाम से यह पर्व मनाया जाता है. बहुत से मन्दिरों में भगवान के भोग के रूप में नए धान का चूड़ा और दही का प्रसाद चढ़ाया जाता है और हवन भी किया जाता है.
रिपोर्ट: सुतिब्रो गोस्वामी, जरमुंडी(दुमका)
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