जमशेदपुर/सरायकेला (JAMSHEDPUR/SARAIKELA) : झारखंड को प्रकृति ने अपार प्राकृतिक सुंदरता भेंट की है. ये प्राकृतिक सुंदरता इतनी है कि अगर मध्य प्रदेश, उड़ीसा और अन्य राज्यों की तरह यहां पर्यटन उद्योग पर ध्यान दिया जाता तो इससे इतना रोज़गार सृजन होता कि ये राज्य "पलायन" जैसी त्रासदी से बचता. लेकिन इस राज्य के ज्यादातर खूबसूरत पर्यटक स्थलों को विकसित ही नहीं किया गया है. जमशेदपुर से सटे सरायकेला के डोबो की आपको सैर कराते हैं जहां स्वर्णरेखा प्रोजेक्ट के तहत सतनाला डैम बनाया गया है. रविवार को तो यहां हज़ारों की भीड़ उमड़ पड़ती है लेकिन मज़ाल है कि आपको यहां एक भी पुलिसकर्मी दिख जाए.   

जोखिम है इस राह में

 एक संकरी सड़क है जिससे जरिए डैम के इलाके पहुंचना होता है. सड़क के दोनों तरफ गड्ढे हैं जहां गिरने का खतरा रहता है. पार्किंग की यहां कोई व्यवस्था नहीं है, मजबूरन लोग सड़कों पर ही गाड़ी खड़ी कर देते हैं. डैम घूमकर लौटने के लिए कड़ी मशक्कत करनी पड़ती है क्योंकि रास्ता जाम हो जाता है और सड़क संकरी होने की वजह से गाड़ियों को घुमाना एक बहुत बड़ा ज़ोखिम होता है. डैम की बात करें तो यहां आकर आप प्रकृति की खूबसूरती निहार कर मंत्रमुग्ध हो जाएंगे लेकिन गार्डवाल पर चलकर  डैम के किनारे आना जाना होता है जिससे वृद्ध जन ऐसा नहीं कर पाते और युवाओं-लोगों के लिए भी ये खतरनाक होता है.अक्सर यहां हादसों का खतरा होता है. लेकिन मना करने वाला कोई नज़र नहीं आता. उचित प्रशासनिक व्यवस्था हो तो लोग इस जगह का सुरक्षित तरीके से लुत्फ उठा सकेंगे. अभी तो सब भगवान भरोसे चल रहा दिखता है. हालांकि ये गार्डवाल बाढ़ से बचाव करते हैं लेकिन लोग चाहते हैं कि सरकार कुछ ऐसी व्यवस्था करे कि लोग सुविधापूर्वक चलते हुए थोड़ा नज़दीक से डैम को निहार सकें. महिलाओं का कहना है कि यहां शौचालय की सुविधा होनी चाहिए. लोगों का कहना है कि अगर ऐसे पर्यटक स्थलों को और बेहतर बनाया जाए तो राज्य और इलाके की तस्वीर  बदल सकती है.

प्रशासन की गैर मौजूदगी

दरअसल ये डैम कुछ समय पहले अस्तित्व में आया है और जमशेदपुर से दोमुहानी पुल के जरिए जुड़ जाने से इसका महत्व और बढ़ गया है. जमशेदपुर से बस एक पुल पार करना है और सरायकेला का डोबो इलाका आ जाता है. यही वजह है कि अब यहां पर्यटकों की भीड़ बढ़ती ही जा रही है. द न्यूज़ पोस्ट की टीम ने रविवार को डैम का पूरा इलाका घूमा और पाया कि कहीं भी प्रशासन का कोई प्रतिनिधि मौजूद नहीं है. जिस जगह पर हजारों की भीड़ उमड़ रही हो वहां प्रशासन की गैर मौजूदगी बड़े सवाल खड़ा करती है.