रांची (RANCHI) : राज्य सरकार पर्यटन नीति के तहत ग्रामीण पर्यटन के माध्यम से झारखंड की समृद्ध सांस्कृतिक परंपराएं और रीति-रिवाज से पर्यटकों को अवगत कराएगी. इस पहल का लाभ अंततः ग्रामीणों को मिले यह सुनिश्चित किया जायेगा.राज्य की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत को प्रदर्शित करने के लिए सरकार ने प्रयास शुरू कर दिए हैं.
पारंपरिक कला और संस्कृति की प्रधानता वाले गांवों को प्राथमिकता
नीति के तहत ग्रामीण पर्यटन के लिए पर्यटन की संभावनाओं को देखते हुए विभाग द्वारा गांव को अधिसूचित किया जाएगा. ऐसे गांव को ग्रामीण पर्यटन गांव घोषित करने की पूर्व शर्त यह होगी कि उनमें पारंपरिक कला और संस्कृति की प्रधानता होनी चाहिए. ऐसे गांवों में आपसी सहयोग और जीविका को बढ़ावा देने के लिए ग्राम पर्यटन समितियों का गठन किया जाएगा. इस उद्देश्य के लिए स्वयं सहायता समूहों का सहयोग विभाग लेगा.
आदर्श गांव के रूप में विकसित होंगे गांव
पहले चरण में विभाग द्वारा चिह्नित किए गए गांव वे होंगे जहां पर्यटन स्थल गांव के समीप होंगे या वहां पर्यटन को बढ़ावा देने की गुंजाइश हो. ताकि एक आकर्षक टूर पैकेज के जरिये पर्यटकों को आकर्षित किया जा सके.ऐसे चिह्नित गांव आदर्श गांव के रूप में विकसित होंगे. सड़कों, गलियों, जल निकासी, पार्किंग, बस स्टैंड, प्रकाश व्यवस्था, स्वच्छता, पेयजल आपूर्ति, पर्यटक सूचना केंद्र, ओपन एयर थिएटर, लैंडस्केपिंग, क्राफ्ट बाजार, नेचर ट्रेल्स जैसी बुनियादी सुविधाएं प्रदान की जाएंगी। साथ ही, ग्रामीण पर्यटन हब के रूप में विकसित करने के लिए स्थानीय कारीगरों और शिल्प केंद्रों को जोड़ने का कार्य किया जाएगा। ऐसे गांवों में स्थानीय व्यंजनों, स्थानीय हस्तशिल्प और सांस्कृतिक पहलुओं को बढ़ावा देने के लिए कार्य होंगे.इसके प्रभावी प्रबंधन के लिए पंचायती राज संस्था के सदस्यों को शामिल करते हुए "ग्रामीण पर्यटन उपसमिति" का गठन किया जाएगा.
सरकार देगी छूट
ग्रामीण पर्यटन के लिए अधिसूचित गांव से बिजली के लिए कोई राशि नहीं ली जाएगी. गांव के घर को नया स्वरूप देने के लिए और धन उपलब्ध कराने के लिए वित्तीय संस्थानों के साथ उचित तालमेल सुनिश्चित किया जाएगा, ताकि आने वाले पर्यटकों के लिए आकर्षक, स्वच्छ और आरामदायक प्रवास सुनिश्चित किया जा सके. पर्यटन विभाग ऐसे ग्रामीण पर्यटन स्थलों के व्यापक प्रचार और प्रचार के लिए उचित कदम उठाएगा.
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