देवघर (DEOGHAR) -  देवघर स्थित बाबा बैद्यनाथ मंदिर में महाशिवरात्रि से पहले सभी मंदिरों के पंचशूल को उतार कर उसकी साफ-सफाई की गई. इसके बाद दूसरे दिन विधिवत पंचशूल की पूजा-अर्चना के बाद पुन: मंदिरों पर स्थापित करने की परंपरा रही है. इसी के तहत भगवान शिव और माता पार्वती के मंदिर का पंचशूल महाशिवरात्रि से दो दिन पूर्व उतारा गया. परंपरा के अनुसार दोनों ही पंचशूल का मिलन कराया गया. महाशिवरात्रि से ठीक पहले वर्ष में एक बार होने वाले इस धार्मिक अनुष्ठान को देखने और पंचशूल को स्पर्श करने के लिए मंदिर परिसर में श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ पड़ी.

पूजा के बाद दोनों मंदिरों में चढ़ाया जाएगा पंचशूल

मंदिर की सदियों पुरानी धार्मिक परंपरा के अनुसार सोमवार को इस पवित्र पंचशूल की विधिवत पूजा के बाद पुन: दोनों मंदिरों पर चढ़ाया जायेगा. इससे पहले दोनों ही मंदिर के उपर बंधे गठबंधन को हटाया गया. जब तक बाबा और माता पार्वती का गठबंधन नहीं हो जाता तब तक बाबा मंदिर में गठबंधन पूजा बंद रहेगी. इस अवसर पर मंदिर में जिला के उपायुक्त और एसपी दोनों मौजूद रहे.

बैद्यनाथ मंदिर में 2 लाख से अधिक श्रद्धालु पहुंचने की संभावना

डीसी मंजूनाथ भजंत्री ने बताया कि महाशिवरात्रि के दिन 2 लाख से अधिक श्रद्धालुओं के पहुचने की संभावना है. इनके लिए बेहतर सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए सभी संबंधित विभाग को निर्देश दिया जा चुका है. जिला प्रशासन श्रद्धालुओं को सुगम और सुरक्षित जलापर्ण के लिए तैयार है. रुट लाइन में भी मुकम्मल व्यवस्था मिलेगी. महाशिवरात्रि को लेकर एसपी धनंजय कुमार सिंह ने बताया कि सुरक्षा के दृष्टिकोण से 3 हज़ार पुलिस बल की प्रतिनियुक्ति की जाएगी. मंदिर के अंदर और बाहर सभी जगहों पर दंडाधिकारी और डीएसपी रैंक के अधिकारी रहेंगे जो हर गतिबिधियों पर नज़र बनाएं रखेंगे. वहीं किसी भी परिस्थिति के लिए एनडीआरएफ टीम की भी रहेगी.

रिपोर्ट : रितुराज सिन्हा, देवघर