देवघर (DEOGHAR) - देवघर के बाबा मंदिर में महाशिवरात्रि पर अपार भीड़ उमड़ी. दिनभर मंदिर परिसर पूजा अर्चना और जलापर्ण के लिए श्रद्धालुओं से भरा रहा. साल में एक मात्र दिन होने के कारण हर कोई महाशिवरात्रि के दिन बाबा के पूजा और दर्शन में शामिल होना चाहता है. जय शिव, हर हर महादेव और बोल बम के नारों से वातावरण गूंज रहा था. बाबाधाम शक्तिपीठ होने के कारण यहां महाशिवरात्रि पर बाबा का विवाहोत्सव मनाया जाता है.
सिंदूर चढ़ा कर बाबा बैद्यनाथ और जगत जननी का विवाह हुआ संपन्न
बैद्यनाथ मंदिर एक मात्र धाम है, जो शक्तिपीठ के रूप में भी जाना जाता है. इसलिए यहां इस दिन भगवान शिव को सिंदूर चढ़ाने की प्राचीन परंपरा है. यहां शाम के समय चार प्रहार की पूजा करने के साथ सरदार पंडा द्वारा ज्योर्तिलिंग पर सिंदूर चढ़ा कर बाबा बैद्यनाथ और जगत जननी का विवाह संपन्न हुआ. विवाह के वक़्त गर्भगृह सहित पूरा मन्दिर परिसर मंत्रोचारण से गूंज उठा. इस पल का साक्षी तीर्थ पुरोहित और श्रद्धालु बने. The news पोस्ट के माध्यम से आप भी अद्भुत शादी का दर्शन कर सकते हैं.
मनाया जाता है माता सती और शिव के विवाह का उत्सव
यह धाम शक्तिपीठ के रूप में भी जाना जाता है. यहां पर शिव और शक्ति, यानि माता सती और शिव एक साथ विराजमान रहने के कारण महाशिवरात्रि के दिन इनके विवाह का उत्सव मनाया जाता है. यही वजह है कि यहां भगवान भोलेनाथ पर शिवरात्रि के दिन सिन्दूर चढ़ाने की अति प्राचीन परंपरा रही है. महाशिवरात्रि के अवसर पर पूरे वैदिक रीति-रिवाज और मंत्रोच्चारन के साथ भोलेनाथ की चतुष्प्रहर पूजा की जाती है. महाशिवरात्रि के अवसर पर पवित्र द्वादश ज्योतिर्लिंग पर गंगाजल अर्पित करने के अलावा बेलपत्र,दुग्ध और चावल चढ़ाने से भगवान शिव अति प्रसन्न होते हैं. इससे सभी भक्तों को मनोवांछित फलों की प्राप्ति होती है. जानकारों के अनुसार महाशिवरात्रि के अवसर पर चतुष्प्रहर पूजा के साथ सिंदूर चढ़ाने की अति प्राचीन परंपरा रही है जो किसी दूसरे शिवधाम में शायद ही देखी जाती है.
रिपोर्ट : रितुराज सिन्हा, देवघर
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