देवघर (DEOGHAR):  देवघर के बालानन्द ब्रहमचारी आश्रम में मां की पूजा की एक अनोखी परंपरा सदियों से चली आ रही है. यहाँ पहली पूजा से ही माँ की मूर्ति सामने रख कर पूरे वैदिक रीती-रिवाज के साथ पुरोहितों द्वारा एक साथ दुर्गा शप्तसती का पाठ  किया जाता है.

परंपरा पर कोरोना का झटका 

 इस बार लगातार दूसरे साल भी कोरोना महामारी की बंदिशों के कारण परंपरा से हट कर पूरी सादगी से मां की पूजा की जा रही है. कलश स्थापना के दिन पूजा को एक कन्या की पूजा से शुरु कर महानवमी तक इक्यावन कुमारी कन्या की पूरी श्रद्धा के साथ पूजा की जाती रही है.लेकिन इस बार प्रतिदिन एक ही कन्या की पूजा कर सिर्फ परंपरा का निर्वहन किया जा रहा है. आश्रम के मुख्य पुजारी के अनुसार कोरोना महामारी से सावधानी बरतने के लिए परंपरा के साथ समझौता किया गया है. प्रत्येक वर्ष आश्रम के शिष्य भी पूजा में शामिल होने बड़ी संख्या में आश्रम पहुँचते थे. लेकिन इस बार भी उनके भी यहां पहुंचने की संभावना नहीं है.

रिपोर्ट :ऋतुराज सिन्हा (देवघर )