देवघर (DEOGHAR): वैसे तो सावन का हर दिन शिव आराधना के लिए शुभ माना जाता है. लेकिन सावन की सोमवारी पर पवित्र द्वादश ज्योतिर्लिंग के जलार्पण का खास महत्व होता है. तिथि के अनुसार श्रावण मास कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी पर आज सावन की दूसरी सोमवारी है. इसी तिथि को प्रदोष भी कहा जाता है. जिसे शिव आराधना के लिए सर्वोत्तम तिथि माना जाता है. दूसरी सोमवारी को दिन और तिथि के इस दुर्लभ संयोग पर पवित्र द्वादश ज्योतिर्लिंग की आराधना से सभी मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है.
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दूसरी सोमवारी का समुद्र मंथन से हैं क्या संबंध, जानिए
पंडा-पुरोहितों के अनुसार समुद्र मंथन के दौरान श्रावण की दूसरी सोमवारी के दिन ही को ऐरावत हाथी की प्राप्ति हुई थी, इसलिए यह दिन खास महत्व रखता हैं. ऐरावत हाथी धन और वैभव का प्रतीक माना जाता है. यही वजह है कि सावन की दूसरी सोमवारी पर लाखों की संख्या में श्रद्धालु बाबा का जलाभिषेक करने देवघर पहुंचते हैं. दूसरी सोमवारी के इसी खास महत्व के कारण सोमवार को देवघर के बाबा मंदिर में अहले सुबह से ही अपार भीड़ जुटी. बाबा के प्रति इस अदभुत और अटूट आस्था का आलम यह है कि देर रात से ही श्रद्धालुओं की मंदिर परिसर से रुट लाइन में 12 किलोमीटर से लंबी कतार लग चुकी थी.
साढ़े तीन लाख श्रद्धालु करेंगे जलाभिषेक
दूसरी सोमवारी पर उम्मीद की जा रही है कि बाबाधाम में भीड़ का आंकड़ा साढ़े तीन लाख के आसपास चला जायेगा. इस आपार भीड़ को कतारवद्ध पूजा कराना प्रशासन के लिए भी बड़ी चुनौती है. इसके लिए बड़ी संख्या में दंडाधिकारी, पुलिस पदाधिकारी और सुरक्षा बलों की तैनाती की गई है. कई आला अधिकारी लगातार भीड़ पर नज़र रख रहे हैं. खुद इसकी मॉनिटरिंग जिला के उपायुक्त और एसपी कर रहे हैं. सुबह निर्धारित समय 3 बज कर 5 मिनट पर मंदिर का पट खोला गया. तीर्थपुरोहितों के दैनिक पूजा के बाद सुबह 3.50 बजे से जलार्पण शुरू हुआ. तब से श्रद्धालु लगातार कतारबद्ध हो कर बोल बम और हर हर महादेव के जयकारे के साथ बाबा का जलार्पण कर रहे हैं.
रिपोर्ट: रितुराज सिन्हा, देवघर
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