टीएनपी डेस्क (TNP DESK) : तमिलनाडु के कुन्नूर में हुए सेना के हेलिकाप्टर क्रैश में सीडीएस जनरल बिपिन रावत की हालत पर संशय बना हुआ है. इसी बीच खबर आई कि इस हेलिकाप्टर क्रैश पर सरकार द्वारा कल बयान जारी किया जाएगा. वहीं आपको बता दें कि इस क्रैश में अबतक 13 लोगों के मौत की पुष्टि की गई है. रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने बिपिन रावत के परिजनों से उनके आवास पर मुलाकात की. वहीं वायु सेना प्रमुख दुर्घटना वाली जगह के लिए निकल चुके हैं. इन सब घटनाओं के बीच अभी तक जनरल बिपिन रावत को लेकर किसी भी अधिकारी द्वारा कुछ भी बयान सामने नहीं आ रहा है. पूरा देश उनके लिए प्रार्थना कर रहा है. आइए जानते हैं कि बिपिन रावत क्यों अपने आप में खास शख्सियत हैं, जिनके बारे में सभी को जानना चाहिए.
कौन हैं सीडीएस बिपिन रावत ?
जनरल बिपिन रावत भारत के पहले और अब तक के एकलौते चीफ ऑफ आर्मी स्टाफ हैं. उन्होंने एक जनवरी 2020 को इस पद की जिम्मेदारी संभाली थी. सीडीएस बनने के साथ ही वे भारत की तीनों सेनाओं के चीफ बन गए थे. सीडीएस को खास तौर पर भारत के तीनों सेनाओं के बीच बेहतर तालमेल के उद्देश्य से बनाया गया था. सीडीएस के पहले बिपिन रावत इंडियन आर्मी के चीफ के रूप में सेवा दे रहे थे. वे देश के 27वें चीफ ऑफ आर्मी स्टाफ थे. वहीं उन्होंने चीफ ऑफ स्टाफ कमिटी के 57वें अध्यक्ष के रूप में भी अपनी सेवा दी थी.
जनरल बिपिन रावत का जन्म उत्तराखंड के पौड़ी में हुआ था. उन्होंने अपनी प्रारम्भिक पढ़ाई देहरादून के कैम्ब्रियन हॉल स्कूल से की. वे शिमला के सेंट एडवर्ड्स स्कूल के भी छात्र रहे थे. बाद में उन्होंने नेशनल डिफेन्स अकडेमी, खड़कवासला और इंडियन मिलिट्री अकडेमी, देहरादून जॉइन कर लिया. जनरल बिपिन रावत को इंडियन मिलिट्री अकडेमी में ‘सोर्ड ऑफ हॉनर’ से भी सम्मानित किया गया था. इसके बाद वे 1978 में पहली बार 11 गोरखा राइफल्स के पांचवी बटालियन में कमीशन हुए. जनरल बिपिन रावत को गैलेंट्री अवॉर्ड के साथ परम विशिष्ट सेवा मेडल, उत्तम युद्ध सेवा मेडल, अतिविशिष्ट सेवा मेडल, युद्ध सेवा मेडल, सेना मेडल, विशिष्ट सेवा मेडल आदि से कई बार सम्मानित किया जा चुका है.

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