गया(GAYA) : अहिंसा परमो धर्म: ! इसका विश्व को संदेश देने वाले तथागत भगवान बुद्ध के उपदेश अब गया जेल की दीवारों पर उकेरे जा रहे हैं. गया जेल के अंदर दीवारों पर भगवान बुद्ध के उपदेशों से जुड़े वॉल पेंटिंग का काम चल रहा है. भगवान बुद्ध और अंगुलीमाल के चित्र वृतांत समेत बनाए जा रहे हैं. इस तरह बुद्ध की वॉल पेंटिंग गया कारा के बंदियों के बीच आकर्षण का केंद्र बनी हुई है. बंदी भगवान बुद्ध की वॉल पेंटिंग के पास बैठकर अपना समय भी बिताते हैं और भगवान बुद्ध के उपदेशों से लाभान्वित भी हो रहे हैं.
कैदियों को मिलेगी सकारात्मक सोच
इस संबंध में गया कारा के जेल उपाधीक्षक रामानुज ने बताया कि यहां भगवान बुद्ध के उपदेशों के साथ वॉल पेंटिंग कराया जा रहा है. इसमें भगवान बुद्ध और अंगुलीमाल के चित्रों के साथ प्रसंग और उपदेश लिखे गए हैं. कोशिश यह है कि गया सेंट्रल जेल में रहने वाले बंदी यहां से जब बाहर निकलें तो वे सकारात्मक सोच के साथ जाएं, भगवान बुद्ध के उपदेश बंदियों के लिए सकारात्मक पक्ष का कारगर पहलू साबित हो रहे हैं.
जेल में आधुनिक उपकरणों से लैस जिम और पुस्तकालय
वहीं गया सेंट्रल जेल राज्य में एक मिसाल बनता जा रहा है. भगवान बुद्ध की वॉल पेंटिंग गया कारा को और जेलों से अलग तो बनाया ही है, वहीं कुछ और ऐसी बातें हैं, जो गया सेंट्रल जेल को अपनी अलग पहचान देती है. इसमें सबसे बड़ी बात यह है, कि यहां बंदियों के लिए आधुनिक उपकरणों से लैस जिम बनाया गया है. वहीं पुस्तकालय भी बनाए गए हैं. पुस्तकालय में बैठकर बंदी अपनी मनपसंद किताबें पढ़ रहे हैं.
जेल वार्ड का नाम महापुरुषों के नाम पर
वहीं जेल के विभिन्न वार्डों के नाम महापुरुषों के नाम पर भी किया गया है. इससे भी एक अच्छा प्रभाव बंदियों पर पड़ता है. बताया कि विभिन्न वार्डों का नाम वीर कुंवर सिंह, लाल बहादुर शास्त्री के नाम पर रखा गया है. इससे भी पॉजिटिव मैसेज बंदियों के बीच जा रहा है और वे काफी सुकून महसूस करते हैं. जेलर रामानुज के मुताबिक बंदियों को वॉलीबॉल व अन्य खेलों के खेलने की भी सुविधा दी गई है. इसके अलावे स्विमिंग पूल भी बनाया गया है. जेल को हरियाली से पाटने की भी कोशिश हो रही है और इसके लिए पेड़ पौधे भी लगातार लगाए जा रहे हैं.
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