बांका (BANKA) : बिहार के रोहतास जिले में कुछ दिन पहले पुल चोरी की एक घटना ने सबको चौंका दिया था. इस घटना के बाद तो बिहार में जैसे पुल चोरी का सिलसिला ही शुरू हो गया. रोहतास के बाद जहानाबाद और अब बांका से ऐसी ही घटना सामने आई है. जहां चोरों के हौसले इस कदर बुलंद हैं कि वो सरकारी संपत्ति पर ही हाथ साफ कर रहे हैं.
बता दें कि बांका में भी 2004 में बना लोहे का पुल चोरी कर लिया गया. यहां भी चोर लोहे के पुल को टुकड़े-टुकड़े कर चोरी कर रहे हैं. लेकिन प्रशासन को इसकी खबर तक नहीं है. बिहार में 60 फीट लंबा लोहे का पुल चोरी, गैस कटर से काटा. गाड़ी पर लादकर ले गए. पुल का अधिकतर भाग चोरी हो चुका है. अगर प्रशासन सतर्क नहीं हुआ तो पुल पूरी तरह गायब हो जाएगा. पुल चोरी की ये घटना बांका जिले के चांदन प्रखंड की है. जहां चोरों द्वारा पुल का 50% भाग गैस कटर से काट लिया गया. लेकिन आज तक किसी पंचायत प्रतिनिधि या पुलिस को इसकी जानकारी तक नहीं हुई. ना ही किसी ने पुल चोरी की सूचना पुलिस को दी.
2004 में तत्कालीन डीएम ने कराया था निर्माणः
यह पुल कांवरिया पथ के झाझा और पटनिया को जोड़ने के लिए 2004 में तत्कालीन जिला अधिकारी रशीद अहमद के अथक प्रयास से बनवाया गया था. दरअसल 1995 में आई भीषण बाढ़ के समय विश्व प्रसिद्ध श्रावणी मेले में कांवरिया को झाझा गांव से पटनिया धर्मशाला जाने के लिए एक बड़े पोखर के बीच से गुजरना पड़ता था. जिसमें अत्यधिक पानी होने के कारण कई बार घटनाएं भी हो जाती थीं. उसी वक्त से यहां एक पुल निर्माण की मांग चल रही थी. कांवरिया की सुविधा को देखते हुए तत्कालीन डीएम द्वारा बेली ब्रिज के तौर पर इस पुलिया का निर्माण कराया गया. अब पुल पर पैदल चलना हुआ मुश्किल पुल निर्माण के बाद बाबा धाम की यात्रा में कांवरिया को काफी आसानी हो गई. बाद में नए कांवरिया पथ के निर्माण हो जाने के बाद यह पुल पूरी तरह उपेक्षित हो गया. साथ ही साथ कुछ गांव तक आने जाने के लिए पक्के पुल का भी निर्माण कर दिया गया. उसके बाद से ही इस लोहे के पुल पर चोरों की नजर पड़ गई. पुल के साइड और फुटपाथ का ज्यादातर हिस्सा चोरी कर लिया गया है. जिसे अब पैदल चलना भी उस पर मुश्किल हो गया है.
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