टीएनपी डेस्क(TNP DESK) : सेंट्रल बोर्ड ऑफ डायरेक्ट टैक्सेस ने हाल ही में टैक्स विवादों को निपटाने के लिए e-Dispute Resolution स्कीम, 2022 को अधिसूचित किया है.
नए टैक्स डिस्प्यूट रेसोल्यूशन स्कीम की आवश्यकता क्यों पड़ी?
आयकर अनुपालन मानदंड समय के साथ लगातार विकसित हो रहे हैं. पिछले आठ वर्षों में सूचना संकलित करने और डिफ़ौल्टर टैक्सपेयर्स के खिलाफ कार्रवाई शुरू करने में मदद करने के लिए टेक्नॉलोजी का एक महत्वपूर्ण उपयोग देखा गया है. पहले जब एक आयकर नोटिस जारी या एक आदेश पारित किया जाता था, तो निर्धारिती के पास आयकर अपील दायर करने और मामला लड़ने के अलावा कोई विकल्प नहीं था, भले ही वह राशि कितनी भी बड़ी या छोटी ही क्यों ना हो. इसी को सुलझाने के लिए केंद्र सरकार अब टैक्स पेयर फ्रेंडली Online Dispute Resolution Committee लेकर आई है.
किस श्रेणी के टैक्सपेयर्स इस योजना के लिए एलिजबल हैं?
इस योजना के अंतर्गत वैसे टैक्सपेयर्स जिनकी लौटाई गई आय 50 लाख रुपए तक है और टैक्स विवाद 10 लाख रुपए से अधिक नहीं है. या जिनके द्वारा रिटर्ण्ड आय पर टैक्स का पूरा भुगतान कर दिया गया है, जिन टैक्सपेयर्स पर कोई अभियोजन कार्यवाही पहले ही शुरू नहीं की गई है, जिनके ऊपर उस संबंधित निर्धारण वर्ष के लिए कोई सर्च या रेड शुरू नहीं किया गया है या जिन टैक्सपेयर्स पर प्रासंगिक असेसमेंट ईयर के लिए कोई सर्वे शुरू नहीं किया गया है, तो ऐसे टैक्सपेयर्स इस योजना के लिए पात्रता रखते हैं.
विवाद समाधान समिति के सदस्य कौन होंगे?
इस विवाद समाधान समिति में तीन सदस्य शामिल होंगे, जिनमें भारतीय राजस्व सेवा के दो सेवानिवृत्त अधिकारी शामिल होंगे, जिन्होंने पांच साल के लिए आयकर आयुक्त या उच्च पद का पद संभाला हो. इसमें एक सेवारत अधिकारी भी शामिल होंगे जो आयकर के प्रधान आयुक्त के पद से नीचे नहीं के नहीं हो सकते हैं. इन तीनों सदस्यों का कार्यकाल तीन साल का होगा.
विवाद समाधान समिति के क्या लाभ हैं?
इस समाधान समिति के लाभ की बात करें तो टैक्सपेयर्स को कुछ लाभों में दंड की पूर्ण छूट, अभियोजन कार्यवाही से उन्मुक्ति, कार्यवाही में पारदर्शिता और करदाता मामलों का निपटारा का लाभ मिलेगा और वे बार-बार मुकदमेबाजी से बच सकते हैं. साथ ही, निर्धारिती हर साल इसका लाभ उठा सकते हैं. जो पिछले निपटान आयोग में जीवन में एक बार तक ही सीमित था.
विवाद समाधान समिति में आवेदन कैसे करें?
जो भी टैक्सपेयर्स इस समिति में आवेदन करना चाहते हैं. वे 1,000 रुपए के शुल्क के भुगतान के बाद, विवाद समाधान समिति का लाभ लेने के लिए फैक्ट और डिटेल के साथ एक फॉर्म 34BC दाखिल करना होगा. इसके बाद करदाता की सुनवाई की जाएगाई. निर्धारित सुनवाई के बाद करदाता को पूर्ण छूट प्रदान की जाएगी.
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