टीएनपी डेस्क(TNP DESK): जम्मू कश्मीर में सियासी नक्शे में बड़ा फेरबदल होने की उम्मीद है. परिसीमन आयोग ने केंद्र सरकार को एक प्रस्ताव दिया है. इसमें आयोग ने जम्मू कश्मीर में विधानसभा सीटों को बढ़ाने की सिफारिश की है. इसके साथ ही कश्मीरी पंडितों के लिए भी 2 सीट आरक्षित करने का प्रस्ताव आयोग ने दिया है. परिसीमन आयोग ने जम्मू कश्मीर में 7 विधानसभा सीट बढ़ाने का प्रस्ताव दिया है. अगर ये प्रस्ताव अमल में आता है तो जम्मू कश्मीर में विधानसभा सीटों की संख्या 83 से बढ़कर 90 हो जायेगी.
जस्टिस (रि.) रंजना देसाई की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय आयोग ने इस पर हस्ताक्षर किया है. परिसीमन आयोग का कार्यकाल 6 मई को समाप्त हो रहा था, इससे पहले आयोग ने ये प्रस्ताव दिया है.
आयोग के प्रस्ताव में और क्या है?
परिसीमन आयोग ने विधानसभा सीट बढ़ाने के अलावा कश्मीरी पंडितों के लिए 2 सीट आरक्षित करने का भी प्रस्ताव दिया है. इसके साथ ही जम्मू कश्मीर में पहली बार अनुसूचित जनजाति के लिए 9 सीटें आरक्षित की गई हैं. इन 9 सीट में 6 जम्मू में जबकि 3 सीट कश्मीर क्षेत्र में होंगी. इसके साथ ही आयोग ने अपनी रिपोर्ट की प्रति सरकार को भी भेज दी है. इसमें निर्वाचन क्षेत्रों की संख्या, क्षेत्र, क्षेत्र की जनसंख्या आदि का पूरा डिटेल है.
जम्मू कश्मीर में विधानसभा चुनाव का रास्ता साफ करने के लिए मार्च 2020 में परिसीमन आयोग का गठन किया गया था. अब जबकि परिसीमन आयोग ने अपना प्रस्ताव दे दिया है, इसलिए अब जम्मू कश्मीर में विधानसभा चुनाव का रास्ता साफ हो गया है. अब जल्द ही वहां विधानसभा चुनाव कराया जा सकता है.
अब समझते हैं परिसीमन होता क्या है?
निर्वाचन क्षेत्रों की सीमा तय करने की प्रक्रिया को परिसीमन कहते हैं. परिसीमन का मुख्य आधार जनसंख्या होता है. लेकिन, सीट तय करने से पहले राज्य की सभी स्थिति जैसे क्षेत्रफल, भौगौलिक परिस्थिति और संचार की सुविधा पर भी प्रमुख रूप से विचार किया जाता है.
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