धनबाद(DHANBAD)-पश्चिम बंगाल से सटे होने के कारण कोयलांचल धनबाद में दुर्गा पूजा का अलग ही उत्साह और आनंद होता है. नवरात्र के 9 दिनों तक माता की आराधना करने के बाद दशमी के दिन सिंदूर खेला का यहां रिवाज है. महिलाएं माता को पूरे उमंग के साथ सिंदूर अर्पित करती हैं. इसे ही सिंदूर खेला का नाम दिया गया है. इसे पूजा की एक रस्म के तौर पर माना जाता है. खासकर बंगाली महिलाओं के लिए इसका अलग ही विशेष महत्व है. कहा जाता है कि महिलाएं माता को सिंदूर अर्पित कर अखंड सौभाग्य का आशीर्वाद लेती हैं. बता दें कि पान के पत्तो से सिंदूर माता की गाल और मांग में लगाकर महिलायें पति की लम्बी आयु की कामना करती हैं. इसी सिंदूर को महिलाएं घर ले जाकर अपने सिनोरे में रखकर साल भर इसे माता का आशीर्वाद मानकर प्रयोग करती हैं. ताकि उनकी सुहाग बनी रहे. वहीं महिलाएं पूजा स्थान पर धुनुची नृत्य भी करती हैं. जानकारों की माने तो बंगाल में यह प्रथा लगभग 450 सालों से चली आ रही है.
धनबाद का विशेष सिंदूर खेला
धनबाद के 80 वर्ष पुराने प्रसिद्ध हीरापुर हरिमंदिर में आस पास की बंगाली महिलाओं के साथ दूसरे समुदाय की महिलाएं भी शामिल होती हैं, जहां पुष्पांजली के बाद माता देवी दुर्गा को बेटी की तरह खोइछा ,मिष्ठान ,पान ,फूल और पैसे देकर विदाई की जाती है. ख़ुशी के आंसू के साथ अगले वर्ष फिर आने की कामना की जाती है. दरअसल इस प्रथा में महिला सशक्तिकरण का अनूठा स्वरुप देखने को मिलता है. धनबाद में हीरापुर हरिमंदिर की मूर्ती विसर्जन से पहले माता की डोली कंधे पर लेकर जुलुस की शक्ल में शहर परिभ्रमण करते हैं और महिला और पुरुष सड़क पर झूमते नाचते गाते चलते हैं. बताया जाता है कि शाम में पास के यादव भाइयों के सहयोग से मूर्ति को धनबाद के पुम्पू तालाब में विसर्जित किया जाता है.
अद्भभूत होता हैं सिंदूर खेला का नज़ारा
धनबाद के बंगाली बहुल क्षेत्र में तो सिंदूर खेला देखने लायक होता है. महिलाएं इसकी विशेष तैयारी करती हैं. सुहागिन महिलाओं में खासा उत्साह होता है. सिंदूर खेला के बाद नाक से लेकर मांग तक सिंदूर लगवाकर गौरवान्वित महसूस करती हैं. जब से सेल्फी की परिपाटी शुरू हुई है, पूजा स्थल पर बाकायदा फोटो सेशन होता है. रंग विरंगे परिधानों में महिलाओं का यह खेळ लोकलुभावन होता है. साथ ही देखने वालो की भी भीड़ काम नहीं होती है. सुहागिन महिलाओं की तरह कुंवारी लड़कियां भी अपने गालों पर सिंदूर लगाकर ख़ुशी से ख़ूब नृत्य करती हैं. धनबाद में इस आयोजन को देखने के लिए काफ़ी भीड़ उमड़ती है.
रिपोर्ट : अभिषेक कुमार सिंह, ब्यूरो चीफ, धनबाद
Recent Comments
Shahnawaz Alam
3 years agoNice ,,miss it
Rama sinha
3 years agoमेहनत का रंग बड़ा पक्का होता है।आप मेहनत करो किस्मत रंग भरेगी। शुभाशीष
Rama sinha
3 years agoमेहनत का रंग बड़ा पक्का होता है।आप मेहनत करो किस्मत रंग भरेगी। शुभाशीष