रांची(RANCHI): लोकसभा चुनाव की सरगर्मी तेज होते जा रही है. जैसे जैसे पारा चढ़ रहा वैसे ही नेताओं के बयानबाजी में तल्खी देखी जा रही है. सोशल मीडिया हो या जनसभा नेताओं में बौखलाहट साफ देखने को मिल रही है. इसी बौखलाहट का एक नमूना सोशल मीडिया पर में खूब वायरल हो रहा है. दो दिनों से अमित शाह का एक वीडियो सोशल मीडिया पर खूब वायरल हुआ. जिसके बाद बवाल मच गया. गृह मंत्रालय ने वीडियो के साथ छेड़छाड़ कर तथ्य को तोड़ मरोड़ कर पेश करने की शिकायत दिल्ली पुलिस को की है. शिकायत दर्ज होने के बाद दिल्ली पुलिस ने जांच शुरू कर दी है. इस जांच में अब तक तेलंगाना के CM रेवंत रेड्डी, कांग्रेस झारखंड प्रदेश अध्यक्ष राजेश ठाकुर समेत दर्जनों नेताओं को  नोटिस भेज कर पूछताछ के लिए तलब किया है. साथ ही सभी को अपना मोबाइल फ़ोन भी साथ लाने का निर्देश दिया गया है. झारखंड प्रदेश अध्यक्ष राजेश ठाकुर को 2 मई को दिल्ली पुलिस ने हाजिर होने को कहा है.

नोटिस मिलने के बाद राजेश ठाकुर ने कहा कि भाजपा हार के डर से बौखला गई है. अब चुनाव के समय नेताओं को प्रचार से कैसे वंचित रखे इस पर काम करने लगी है. नोटिस उन्हें भी भेजा गया है. दिल्ली पुलिस ने लैपटॉप और मोबाइल की भी मांग की है. यह सही नहीं है,इसका कानूनी रूप से जवाब दिया जाएगा दिल्ली पुलिस को पहले उनका ट्विटर हैंडल और अन्य सोशल साइट को देखना चाहिए था कि क्या वीडियो उनके हैंडल से पोस्ट की गई है या नहीं. एका एक नोटिस भेज कर बुलाया गया है.नोटिस के बारे में कानूनी जानकारों से सलाह ले रहे है. जिससे नई तारीख की मांग कर सके.

बता दे कि अमित शाह का एक वीडियो सोशल साइट पर वायरल है. जिसमें SC ST और OBC के आरक्षण को खत्म करने के संकेत बताए गए है. इस वीडियो के बाद जहां एक ओर SC ST के नेताओं के बयान सांमने आने लगे तो दूसरी ओर जानकारी मिली की यह वीडियो ही फेक है.एडिट कर गलत तथ्य को दिखाया गया है.