रांची (RANCHi) : शराब घोटाले को लेकर बाबूलाल मरांडी ने राज्य सरकार पर एक बाप फिर तीखा हमला बोला है. बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष और नेता प्रतिपक्ष बाबूलाल मरांडी ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को पत्र लिखकर शराब घोटाले की जांच को लेकर सवाल उठाए है. इसके साथ सोशल मीडिया एक्स पर बाबूलाल मरांडी ने आरोप लगाते हुए लिखा है कि जांच की पूरी प्रक्रिया जनता की आंखों में धूल झोंकने, असली दोषियों को बचाने और ब्लैकमेल के ज़रिए अवैध वसूली करने की एक सुनियोजित कोशिश है.
उन्होंने कहा कि जिस तत्परता से एसीबी ने जांच की शुरुआत में वरिष्ठ आईएएस विनय चौबे को पूछताछ के लिए बुलाकर गिरफ्तार कर लिया था, वह अब जांच में नदारद है. सरकार की निष्क्रियता और एजेंसियों की सुस्ती के कारण आम जनता का विश्वास उठता जा रहा है. नेता प्रतिपक्ष का आरोप है कि तीन महीने बीत जाने के बावजूद चार्जशीट दाखिल नहीं की गई है, जिसके कारण सभी आरोपी एक-एक करके ज़मानत पर रिहा हो रहे हैं.
सीएम सोरेन को लिखे पत्र बाबूलाल ने आरोप लगाया है कि पूछताछ के दौरान न तो रिकॉर्डिंग की गई और न ही पारदर्शी तरीके से पूछताछ की गई. इससे यह संदेह पैदा होता है कि जांच अधिकारी पहले से ही तय कर रहे हैं कि किसे फंसाना है और किसे बचाना है. उन्होंने सवाल उठाया कि क्या इतनी बड़ी गड़बड़ी मुख्यमंत्री की जानकारी और सहमति से हो रही है, या फिर अधिकारी सरकार को अंधेरे में रखकर यह षडयंत्र रच रहे हैं?
मरांडी ने आरोप लगाया कि शराब घोटाला कोई साधारण घोटाला नहीं, बल्कि छत्तीसगढ़ शराब सिंडिकेट से जुड़े माफियाओं को बचाने की एक सुनियोजित साजिश है. उन्होंने कहा कि कुछ उच्च अधिकारियों ने जानबूझकर बड़ी डील करके चार्जशीट दाखिल नहीं होने दी, ताकि समय पर जमानत मिल सके. इस डील के पीछे रायपुर से लेकर दिल्ली तक के रसूखदार लोगों के नाम सामने आ रहे हैं.
उन्होंने कहा है कि मिल रही जानकारी के अनुसार छत्तीसगढ़ सिंडिकेट से जुड़े बड़े माफियाओं को जेल से बाहर निकालने के लिए पूरा खेल किया गया. ये डील भी बहुत बड़ा है. कहीं बाद में आपको इस बड़े डील की जांच न करानी पड़ जाए.
Recent Comments