टीएनपी डेस्क (TNP DESK) : अमन साहू के सबसे करीबी मानें जाने वाले मयंक सिंह उर्फ सुनील सिंह मीणा को अजरबैजान से लाने के लिए एटीएस की तीन सदस्यीय टीम तैयार है. एटीएस अधिकारियों का राजनयिक पासपोर्ट (Diplomatic Passport) तैयार हो गया है. 19 अगस्त को एटीएस की टीम रांची से अजरबैजान के लिए रवाना होगी. प्रत्यर्पण संधि के तहत 23 अगस्त को मयंक सिंह को अजरबैजान से झारखंड पुलिस भारत वापस लेकर आएगी. जिसका नेतृत्व एटीएस एसपी ऋषभ झा करेंगे. बता दें कि ऑपरेशन सिंदूर के बाद मयंक सिंह को अज़रबैजान से भारत लाने का मामला अटका हुआ था, लेकिन अब रास्ता साफ हो गया है. मयंक सिंह फिलहाल अज़रबैजान की बाकू जेल में बंद है.

प्रत्यर्पण संधि के तहत मयंक सिंह को लाया जा रहा भारत

मयंक सिंह की गिरफ्तारी की सूचना मिलने के बाद झारखंड पुलिस ने प्रत्यर्पण संधि के तहत उसे झारखंड लाने की प्रक्रिया शुरू कर दी थी. झारखंड एटीएस के अनुरोध पर इंटरपोल ने रेड कॉर्नर नोटिस जारी किया था. इसी नोटिस के आधार पर सुनील मीना को गिरफ्तार किया गया. वह राजस्थान के अनूपगढ़ जिले के नया मंडी थाना क्षेत्र के जीडीए पुरानी मंडी घड़ासन का रहने वाला है. उसके खिलाफ रामगढ़ के पतरातू में धमकी देने का मामला दर्ज था. एटीएस इसकी जांच कर रही है.

मयंक सिंह के खिलाफ 43 मामले हैं दर्ज

एटीएस की टीम पहले ही राजस्थान जाकर उद्घोषणा वारंट का तामिला करा चुकी है. मयंक सिंह के खिलाफ अधिकांश आपराधिक मामले राजधानी रांची के हैं. इसके अलावा चतरा, लातेहार, गिरिडीह, हजारीबाग, रामगढ़, पलामू समेत अन्य जिलों में उसके खिलाफ करीब 43 मामले दर्ज हैं. उस पर गिरिडीह के जेलर को धमकाने और तुपुदाना व रामगढ़ के व्यवसायियों को रंगदारी के लिए धमकाने का आरोप है. वहीं, यह बात भी सामने आई है कि लातेहार में सुजीत सिन्हा और अमन साहू गैंग द्वारा रंगदारी के लिए की गई फायरिंग की जिम्मेदारी मयंक सिंह ने ली है. इसके अलावा रांची के अन्य व्यवसायियों से भी मयंक सिंह के नाम पर रंगदारी मांगने के मामले सामने आए हैं.

अपराध की दुनिया में ऐसे रखा कदम

सुनील मीणा पहले काम के सिलसिले में मलेशिया गया था, जहां रोहित गोदारा, गोल्डी बरार और संपत नेहरा के ज़रिए वह लॉरेंस बिश्नोई के संपर्क में आया. मलेशिया से ही उसने अपनी आपराधिक गतिविधियों को अंजाम देना शुरू किया. उस पर लॉरेंस बिश्नोई के इशारे पर राजस्थान और पंजाब में हत्या, रंगदारी और गोलीबारी जैसी घटनाओं को अंजाम देने का आरोप है. सुनील मीणा पहली बार तब सुर्खियों में आया जब उसने राजस्थान के तत्कालीन राहत एवं आपदा प्रबंधन मंत्री और कांग्रेस विधायक गोविंद राम मेघवाल से रंगदारी मांगी थी. उसने राजस्थान के एक पेट्रोल पंप मालिक से भी 5 करोड़ रुपये की रंगदारी मांगी थी और जब उसने पैसे देने से इनकार कर दिया, तो सुनील ने उस पर फायरिंग करवा दी.

डोन्की रूट से पहुंचा अमेरिका

जांच में पता चला है कि पासपोर्ट रद्द होने के बाद सुनील मीणा सिंगापुर, ईरान और मैक्सिको होते हुए डोन्की रूट (अवैध रूप से विदेश जाने का रास्ता) के ज़रिए अमेरिका पहुँचा. बताया जाता है कि वहां से वह अमन साहू गिरोह के लिए पंजाब, हरियाणा, राजस्थान और दिल्ली के आपराधिक गिरोहों से सदस्यों की भर्ती कर रहा था. इसके अलावा, वह मयंक सिंह के साथ मिलकर झारखंड, बंगाल और छत्तीसगढ़ की कोयला और ट्रांसपोर्ट कंपनियों से भी रंगदारी वसूलने की योजना बना रहा था.

झारखंड के कारोबारियों में मचाया आतंक

मयंक सिंह पिछले साल तक झारखंड पुलिस के लिए एक अनसुलझा रहस्य बना हुआ था. एटीएस की जांच में पता चला कि इंटरनेट कॉल के ज़रिए झारखंड के कारोबारियों को आतंकित करने वाला मयंक सिंह असल में सुनील कुमार मीणा है. सुनील कुमार मीणा झारखंड के कुख्यात गैंगस्टर अमन साहू के लिए मयंक सिंह के छद्म नाम से काम करता था. झारखंड का शायद ही कोई ऐसा कारोबारी हो जिसे मयंक ने इंटरनेट कॉल पर धमकी न दी हो. मयंक उर्फ सुनील मीणा के खिलाफ एटीएस थाने समेत झारखंड के एक दर्जन थानों में कई मामले दर्ज हैं.

गौरतलब है कि झारखंड में गैंगस्टरों के सफाए के लिए पुलिस मुख्यालय एक्शन में है. एटीएस को खुली छूट दी गई है ताकि गैंगस्टरों का पूरी तरह सफाया किया जा सके. पुलिस मुख्यालय के निशाने पर प्रिंस खान, अमन श्रीवास्तव, विकास तिवारी समेत कई गैंग हैं.