धनबाद(DHANBAD): कोयल चोरी -स्मगलिंग से एक सौ करोड़ से भी अधिक के नुकसान मामले  में झारखंड 18 जगह और बंगाल में 24 जगह प्रवर्तन निदेशालय की रेड  चल रही है.  कोयला माफिया के खिलाफ 40 स्थानो  पर ईडी  ने एक साथ छापेमारी की है.  सूत्रों के अनुसार प्रवर्तन निदेशालय(ईडी ) पश्चिम बंगाल के दुर्गापुर, पुरुलिया, हावड़ा और कोलकाता जिलों के 24 परिसरों में अवैध कोयला खनन, इलीगल ट्रांसपोर्टेशन और कोयले के स्टॉक के मामले को लेकर जांच कर रहा है.  बंगाल के जिन ठिकानों पर छापे  चल रहे  है ,उनमें धनबाद के कारोबारी भी शामिल है.  इधर, झारखंड में 18 जगह पर सर्च ऑपरेशन चल रहा है.  सूत्रों के अनुसार छापेमारी  कोयला चोरी, कोयला तस्करी के बड़े मामलों से जुड़े हो सकते है.  झारखंड में अनिल गोयल, संजय उद्योग, एलबी सिंह और अमर मंडल के ठिकानों पर छापेमारी चलने की बात कहीं जा रही है. 

कोयले की खनक पर ही कोयलांचल की राजनीति चमकती  है
 
यह बात पूरी तरह से सच है कि कोयले की खनक पर ही कोयलांचल की राजनीति चमकती  है.  कोयला अधिकारी, कोयला कारोबारी और राजनीति में मजबूत गठजोड़ की वजह से सरकारों को भी नुकसान होता है.  अधिकारियों को भी लाभ होता है और कोयला कारोबारी देखते- देखते फर्श से अर्श  पर पहुंच जाते है.  धनबाद तो  कोयले की राजधानी कही जाती है और धनबाद की राजनीति और कोयला कारोबार में मजबूत गठजोड़ रहता  है.  यही वजह है कि राजनीतिक दल के लोग कोयले के कारोबार को लेकर एक दूसरे से आगे निकलने की कोशिश करते है.  कोयले के  अवैध कारोबार में भारी कैश फ्लो होता है, राजनीतिक फंडिंग की भी बातें सामने आती रही है .  राजनीति में शामिल लोग भी कोयले के कारोबार में हिस्सेदार रहे है.  इसके भी खुलासे  कई बार हुए है.  

ईडी एक्शन --मजबूत गठजोड़ को हो सकता है खुलासा 

जानकार सूत्रों के अनुसार ईडी की यह  कार्रवाई  राजनीति और कोयले की अवैध कारोबार के गठजोड़  पर बड़ा प्रहार हो सकता है.  बंगाल में भी कोयला  का कमाल दिखता रहा है.  ईडी  की कार्रवाई के बाद कई लोगों की नींद हराम हो सकती है.  ईडी  की कार्रवाई पूरी होते-होते कई लोगो की  परेशानी बढ़ सकती है.  कोयलांचल में आज की  ईडी  रेड  की खूब चर्चा है.  सबसे बड़ा नाम एलबी सिंह का लिया जाता है.  एलबी सिंह आउटसोर्स कंपनी के संचालक है.  एलबी सिंह ने 2024 के विधानसभा चुनाव में राजनीति में भी कदम रखा.  भाजपा से वह जुड़े ,धनबाद विधानसभा से टिकट लेने की भी कोशिश की.  लेकिन पार्टी ने उन्हें टिकट नहीं दिया.  उनके ठिकानों पर भी छापेमारी चल रही  है. ईडी  रेड  के बाद बीसीसीएल सहित कोल इंडिया के अधिकारियों की भी गर्दन फंस  सकती है.  देखना दिलचस्प होगा कि 40 जगह पर प्रवर्तन निदेशालय की रेड  के बाद क्या-क्या खुलासे होते है. 

रिपोर्ट -धनबाद ब्यूरो