साहिबगंज(SAHIBGANJ): साहिबगंज जिला वासियों की वर्षों पुरानी गंगा पुल का सपना 2026 तक पूरा होने की संभावना है. पड़ोसी देश नेपाल व बांग्लादेश के अलावा पूर्वोत्तर भारत के बिहार,असम,नागा लैंड सहित कई राज्यों को झारखंड से जोड़ने वाला साहिबगंज-मनिहारी गंगा पुल का निर्माण कार्य चरम पर है. इसी क्रम में पूजा अर्चना के बाद निर्माण कार्य में लगी कंपनी दिलीप बिल्ड कॉन के अधिकारियों के द्वारा गंगा नदी पर बने पिलर पर गार्टर लगाने का काम शुरू कर दिया गया. पुल के निर्माण कार्य की रफ्तार पर कभी यास तूफान ने कभी कोरोना ने तो कभी गंगा में आई बाढ़ ने समय-समय पर ब्रेक लगाने का काम किया है,पूर्व में पुल निर्माण का कार्य को 2024 में पूरा कर लेना था, लेकिन फिलहाल निर्माण कार्य को पूर्ण करने के लिए 2 साल का एक्सटेंशन दिया गया है.
1900 करोड़ की लागत से गंगा पुल का निर्माण किया जा रहा है
इधर पुल निर्माण कार्य ने एक बार फिर से रफ्तार पकड़ ली है. 1900 करोड़ की लागत से गंगा पुल का निर्माण किया जा रहा है. वहीं साहिबगंज और मनिहारी में 500 करोड़ की लागत से इस पुल का एप्रोच पथ के निर्माण कराया जा रहा है. साहिबगंज मनिहारी फोर-लेन गंगा पुल देश का तीसरा सबसे बड़ा पुल होगा. एप्रोच पथ सहित इस पुल की कुल लम्बाई 22 किलोमीटर होगी. नदी पर 6 किलोमीटर और दोनों तरफ से एप्रोच पथ के साथ 16 किलोमीटर. गंगा पुल झारखंड में साहिबगंज बाईपास तथा बिहार के मनिहारी बाईपास से जुड़ेगी. पुल को एक्ट्रा डोज तकनीक से बनाया जा रहा है. इस तकनीक में केवल के सहारे पुल के लोड को बैलेंस किया जाएगा. इस तकनीक से बनने वाला यह देश का सबसे बड़ा पुल होगा.पुल में 46 पिलर होंगे. पिलर का व्यास 12 मीटर एवं इसकी ऊंचाई लगभग 30 मीटर होगी.
साहिबगंज में गंगा पुल की मांग 1950 से ही शुरू हुई
दरअसल साहिबगंज में गंगा पुल की मांग 1950 से ही शुरू हुई. वर्ष 1954 में देश के तत्कालीन सुप्रसिद्ध इंजीनियर डॉ.विश्वेश्वरैया ने सर्वे करने के बाद सामरिक,आंतरिक और सुरक्षा की दृष्टिकोण से साहिबगंज में गंगा पुल निर्माण की अनुशंसा की थी लेकिन तब साहिबगंज का गंगा पुल क्षेत्रवाद का शिकार हो गया.बताया जाता है कि उस समय भारतीय रेलवे में बंगाल की मजबूत पकड़ होने के चलते गंगा पुल को साहिबगंज के बजाय पश्चिम बंगाल के न्यू फरक्का में बनवा दिया गया. बाद में गंगापुल का मामला एक बड़ा चुनावी मुद्दा बना. समय- समय पर सामाजिक और राजनीतिक संगठनों द्वारा साहिबगंज में गंगा पुल बनवाने की मांग की जाती रही.इसको लेकर कई बार जोरदार आंदोलन भी होते रहे.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 6 अप्रैल 2017 को रखी थी आधारशिला
साहिबगंज में गंगा पुल निर्माण की मांग को लेकर भाजपा के पूर्व विधायक अनंत ओझा द्वारा कई बार विधानसभा में आवाज उठाई जाती रही,आखिरकार देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 6 अप्रैल 2017 को साहिबगंज के पुलिस लाइन मैदान से साहिबगंज-मनिहारी गंगापुल निर्माण की आधारशिला रखी,बता दें कि साहिबगंज- मनिहारी फोरलेन सड़क सह पुल के बन जाने से पूर्वोत्तर भारत झारखंड से सीधे जुड़ जाएगा पड़ोसी देश नेपाल और बांग्लादेश की दूरी भी कम हो जाएगी बिहार,ओडिशा, बंगाल, असम सहित पूर्वोत्तर के अन्य कई राज्य झारखंड से सीधे जुड़ जाएगा.व्यापार का मार्ग परास्त होगा और रोजगार के साधन भी बढ़ेगे.साहिबगंज और उसके आसपास के इलाकों का एकमात्र पत्थर व्यवसाय के फलने फूलने की संभावना है.
रिपोर्ट-गोविंद ठाकुर
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