रांची(RANCHI): दिशोम गुरु शिबू सोरेन के निधन के बाद अब झारखण्ड के स्कूलों में बच्चें गुरुजी के जीवन गाथा को पढ़ेंगे. इसे सिलेबस में शामिल करने को लेकर शिक्षा विभाग ने तैयारी शुरू कर ली है. इस खबर को THENEWSPOST ने बीते 08 अगस्त को "अब स्कूली किताब में बच्चा-बच्चा पढ़ेगा झारखंड के इस सपूत की कहानी"  शीर्षक के साथ खबर चलाई थी. जिसपर अब शिक्षा विभाग की मुहर लगी है. इस खबर में सबसे पहले द न्यूज़ पोस्ट ने ही बताया था कf जल्द ही शिक्षा विभाग इसे सिलेबस में शामिल करेगा।

दरअसल दिशोम गुरु शिबू सोरेन के निधन के बाद जिस तरह से देश में शोक की लहर थी. हर कोई गुरूजी के जाने से गम में था. ऐसे में अब उनके संघर्ष और आंदोलन की कहानी को आने वाली पीढ़ी किताब में पढ़ कर अन्याय और शोषण के खिलाफ हमेशा आवाज़ उठाने में उन्हें हिम्मत मिलेगी. गुरुजी हमेशा झारखंड के दिल में ज़िंदा रहेंगे. किताबों में हमेशा गुरुजी के संघर्ष की दास्तां ज़िंदा रहेगी और आने वाली पीढ़ी को एक हिम्मत देने का काम करेगी.

दिशोम गुरु ने शुरू से ही अन्याय और शोषण के खिलाफ आवाज़ उठाया है. साहूकार सूदखोर और आदिवासी पर जुल्म करने वालों के खिलाफ कई आंदोलन किया है. साथ ही अलग राज्य की मांग को लेकर लम्बा संघर्ष रहा है .ऐसे में अब अलग राज्य मिला आदिवासी को उनकी जमीन पर हक़ और अधिकार मिला. इसमें गुरूजी की भूमिका सबसे बड़ी रही है.

आंदोलन के समय गुरुजी ने घर को त्याग दिया था. वह जंगल में रहते थे, वहीं से आंदोलन की रणनीति तैयार होती थी. जिससे आदिवासी पर अत्याचार करने वाले लोग कांपते थे. शिबू सोरेन की कहानी अब हर कोई पढ़ेगा और आने वाली पीढ़ी भी उन्हें जान सकेगी,