टीएनपी डेस्क (TNP DESK) : जापान फिलहाल चीन से खफा है. चीन की बढ़ती सामरिक गतिविधियों से वह आक्रामक हो गया है. इसके लिए तैयारी कर रहा है. चीन को  जवाब देने के लिए जापान सामरिक क्षमता को बढ़ाने के लिए 1,000 किलोमीटर लंबी दूरी की क्रूज मिसाइलों की तैनाती पर विचार कर रहा है. इस दिशा में आवश्यक कदम उठाए जा रहे हैं. मीडिया के सूत्रों ने यह जानकारी दी है. मीडिया ने सरकारी सूत्रों का हवाला देते हुए रिपोर्ट में कहा है कि इन मिसाइलों को वर्तमान हथियारों के स्थान पर तैनात किया जाएगा ताकि मौजूदा सीमा 100 किलोमीटर (62 मील) से 1,000 किलोमीटर तक बढ़ाई जा सके.अखबार ने कहा है कि यह मिसाइलें मुख्य रूप से दक्षिणी नानसेई द्वीपों के आसपास तैनात होंगी.

टिप्पणी करने से बच रहा विदेश मंत्रालय
सामरिक बेड़ा उत्तर कोरिया और चीन के तटीय क्षेत्रों तक पहुंचने में सक्षम होगा.अखबार का कहना है कि जापान के विदेश मंत्रालय इस पर टिप्पणी करने से बच रहा है. उल्लेखनीय है कि जापान ने अपने सैन्य खर्च में तो इजाफा किया है पर वह लंबी दूरी की मिसाइलों को तैनात करने से परहेज करता रहा है. अमेरिकी प्रतिनिधि सभा की स्पीकर नैंसी पेलोसी की ताइवान की यात्रा के बाद से चीन ने कड़ा रुख अपनाया है.बीजिंग ताइवान के पास और जापान के विशेष आर्थिक क्षेत्र में मिसाइलें दाग चुका है. चीन ने इस माह के पहले सप्ताह में अमेरिकी प्रतिनिधि सभा की स्पीकर के ताइवान से जाते ही ताइवान के दक्षिण और पूरब के जल क्षेत्र में अब तक अपना सबसे बड़ा सैन्य अभ्यास शुरू किया. चीन की इस घेरेबंदी से क्षेत्र में तनाव बढ़ गया. चीन ने 4 अगस्त को तड़के ताइवान के अलग-अलग जल क्षेत्रों में युद्धपोतों और लड़ाकू विमानों से फायरिंग की और कम से कम 11 डोंगफेंग बैलिस्टिक मिसाइलें दागीं.

राष्ट्र के साथ खड़ी है देश की जनता
जानकारी के अनुसार ताइवान के वायु रक्षा क्षेत्र में 22 लड़ाकू विमान भी घुसे. यह महत्वपूर्ण है कि चीन लंबे समय से ताइवान को अपना क्षेत्र बताता है और दूसरे देशों के नेताओं की वहां की यात्रा का विरोध करता है. ताइवान की राष्ट्रपति त्साई इंग-वेन कह चुकी हैं कि उनका देश चुनौतियों के सामने कभी भी घुटने नहीं टेकेगा. ताइवान संघर्ष को उकसाएगा नहीं, लेकिन मजबूती के साथ अपनी संप्रभुता और राष्ट्रीय सुरक्षा की रक्षा करेगा.देश की जनता राष्ट्र के साथ खड़ा है.