धनबाद (DHANBAD) : शराब तस्करी के एक अजीबोगरीब तरीके का खुलासा हुआ है. यह रेलवे के जांच नियमों पर भी बड़ा सवाल है. तस्करों ने राजधानी जैसी प्रीमियम ट्रेन को भी नहीं छोड़ा है. कहने के लिए तो पार्सल यान में फल, सब्जी, कपड़ा बताया गया था, लेकिन इसमें लगी थी महंगी शराब. दरअसल, राजधानी एक्सप्रेस में शराब तस्करी का खुलासा हुआ होने के बाद रेल अधिकारियों का भी माथा ठनका है.
ट्रेन की लीज होल्डर बोगी से मंगाई गई शराब की खेप को धनबाद आरपीएफ ने पकड़ा है. फल के नाम पर पार्सल बुकिंग कर ट्रेन में शराब के पैकेट चढ़ा दिए गए थे. लीज होल्डर के एजेंट ने जैसे ही पैकेट को बाहर निकलवाया, वैसे ही आरपीएफ ने पकड़ ली. आरपीएफ को इसकी भनक लग गई थी कि पार्सल यान में शराब लाई गई है. सियालदह राजधानी से नई दिल्ली से मंगाई गई शराब पैकेट को खोला गया तो उसमें लगभग₹300000 की महंगी शराब मिली. यह शराब 97 बोतलों में लाई गई थी. रेलवे ट्रेनों की पार्सल बोगियों को लीज पर एजेंसियों को देता है.
सियालदह राजधानी की एसएलआर बोगी को 2 साल के लिए दिल्ली की की एजेंसी को दी गई है. एजेंसी के जरिए धनबाद के किसी दुर्गेश के नाम से पैकेट दिल्ली में लोड हुए थे. इन पैकेट को लेने के लिए एक आदमी स्कूटी से पहुंचा था. जैसे ही जांच शुरू हुई, वह स्कूटी छोड़कर फरार हो गया. यह खेप तो स्टेशन से बाहर निकाल ली गई थी. टोटो में लोड भी हो गई थी. लेकिन आरपीएफ ने दबिश देकर इसे धर दबोचा. अब आगे की कार्रवाई की जा रही है. दरअसल, शराब तस्करी के नए-नए तरीके इस्तेमाल किए जा रहे हैं. सड़क पर कहीं पार्सल वैन तो कहीं कंटेनर से शराब की तस्करी हो रही है.
शराब तस्कर लगातार अपना दायरा बढ़ा रहे हैं. झारखंड में अभी शराब दुकानों की हैंड ओवर, टेकओवर प्रक्रिया चल रही है. इस वजह से कई दुकानें बंद भी है. इस वजह से भी तस्करों की चांदी हो गई है. राजधानी जैसी प्रीमियम ट्रेन में फल और सब्जी के नाम पर शराब की तस्करी पकड़ में आई है, का मतलब साफ है कि इसके पहले भी इस तरह का काम हुआ है और अभी भी हो रहा है.
रिपोर्ट-धनबाद ब्यूरो
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