रांची(RANCHI): छत्तीसगढ़ में नक्सलियों के खिलाफ बड़ा अभियान चल रहा है. इस अभियान में अब तक सुरक्षाबल के जवानों को कई बड़ी कामयाबी हाथ लगी है. सेंट्रल कमेटी से लेकर बड़े कैडर को मुठभेड़ में ढ़ेर कर दिया है. इसके बाद अब माओवादियों ने एक फिर पत्र जारी किया है. जिसमें सभी घटनाओं का जिक्र करते हुए सुरक्षाबल के जवानों पर गंभीर आरोप लगाया है. जिसमें लिखा गया है कि जवानों 85 से अधिक लोगों को मारा है. कई ऐसे ग्रामीण थे जो बुजुर्ग और बीमार थे उन्हे भी अभियान के दौरान पकड़ कर ले गए. बाद में गोली मार दी गई.
हलांकि यह कोई पहला मौका नहीं है जब नक्सलियों ने विज्ञप्ति जारी कर ऐसा आरोप लगाया है. इससे पहले भी कई बार नक्सलियों ने पत्र में जवानों पर आरोप लगाया है. पत्र में बसवा राजू से लेकर अन्य बड़े माओवादियों के ढ़ेर का भी जिक्र किया गया है. इसमें नक्सली यह लिखा है कि जंगल में अभियान से आदिवासी खतरे में है. जंगल में रहने वाले लोगों की ज़िंदगी अभियान के वजह से नर्क जैसी हो गई है.
इस पत्र में भाजपा और केंद्र सरकार पर भी सवाल उठाया है. जिसमें लिखा गया है कि चुनाव से पहले नक्सलियों से वार्ता की बात कही गई थी. लेकिन चुनाव खत्म होने के बाद अब दूसरे तरह से बात करते है. गृह मंत्री से लेकर भाजपा सरकार के मुख्यमंत्री यह बोल रहे हैं कि बंदूक उठाने वाले से वार्ता नहीं करेंगे. साथ ही माओवादियों ने जिक्र किया है कि जल जंगल जमीन और इज्जत के लिए आंदोलन कर रहे आदिवासी को खत्म करने की साजिश चल रही है.
दरअसल छत्तीसगढ़ में 31 मार्च 2026 तक नक्सलियों को खत्म करने का टारगेट लेकर एक विशेष अभियान चलाया जा रहा है. बीजापुर,बस्तर,नारायणपुर,अबूझमाड़ के इलाके में अभियान के दौरान कई बड़ी सफलता भी मिली है. सेंट्रल कमेटी के सदस्य से लेकर 27 से 31 माओवादियों को एक बार में खत्म कर दिया. इसके बाद से ही माओवादी अभियान रोकने की मांग कर रहे है. कई पत्र लिख कर केंद्र और राज्य सरकार से अपील कर चुके है कि एक माह के लिए युद्ध विराम किया जाए. लेकिन साफ तौर पर माओवादियों की मांग को सरकार ने ठुकरा दिया है. जिसके बाद सख्त लहजे में कहा गया कि आत्म समर्पण कर दे या तो फिर मरने के लिए तैयार रहे.
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