रांची (RANCHI): सीआईडी ने साइबर सुरक्षा और डिजिटल प्लेटफॉर्म पर उपलब्ध सामग्री की निगरानी को सख्त करने के लिए एक नया और अहम निर्देश जारी किया है. इस आदेश के अनुसार अब झारखंड पुलिस में डीआईजी रैंक से नीचे के किसी भी अधिकारी को ऑनलाइन सामग्री हटाने यानी टेकडाउन नोटिस जारी करने का अधिकार नहीं होगा. यह निर्णय सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) नियम, 2021 में हुए ताज़ा संशोधनों को ध्यान में रखते हुए लिया गया है, ताकि डिजिटल प्लेटफॉर्म पर प्रसारित होने वाली गलत, भ्रामक या संवेदनशील सामग्री को अधिक नियंत्रित तरीके से हटाया जा सके.
झारखंड सीआईडी के आईजी द्वारा जारी अधिसूचना में स्पष्ट किया गया है कि सीआईडी के डीआईजी को टेकडाउन नोटिस जारी करने का नोडल अधिकारी नामित किया गया है. इसका मतलब है कि अब राज्य में किसी भी प्रकार की ऑनलाइन सामग्री, चाहे वह कानून उल्लंघन से जुड़ी हो, राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा हो या किसी की प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचाती हो, उसे हटाने का अंतिम निर्णय डीआईजी स्तर के अधिकारी की मंजूरी से ही होगा. यह आदेश 22 अक्टूबर को जारी जीएसआर 775(ई) के प्रावधानों के अनुरूप है, जिसमें स्पष्ट रूप से कहा गया है कि टेकडाउन की प्रक्रिया केवल उच्च अधिकारी द्वारा ही संचालित की जानी चाहिए.
टेकडाउन नोटिस एक कानूनी निर्देश होता है, जिसके तहत सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म, वेबसाइट या किसी भी डिजिटल माध्यम को यह आदेश दिया जाता है कि वे किसी खास सामग्री को तुरंत हटा दें. इसका उद्देश्य अवैध, मानहानिकारक, सांप्रदायिक तनाव फैलाने वाली, या किसी भी तरह की हानिकारक सामग्री को रोकना है. साथ ही ऐसे नोटिस जांच में सहयोग सुनिश्चित करते हैं और डिजिटल क्षेत्र में सुरक्षित वातावरण बनाए रखने में मदद करते हैं.

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