टीएनपी डेस्क (TNP DESK) : बीते तीन दिनों से बनारस स्थित बाबा विश्वनाथ मंदिर के शिखर पर एक सफेद उल्लू बैठा हुआ नज़र आ रहा है और इस बात की चर्चा भी हर तरफ हो रही है. ऐसे में लोग भोलेनाथ की नगरी में सफेद उल्लू का दिखना अपना सौभाग्य समझ रहें हैं, पर आखिर इस सफेद उल्लू के मंदिर की शिखर पर दिखने का सही मतलब क्या है आइए समझते हैं.

हिन्दू मान्यताओं के अनुसार सफेद उल्लू को धन की देवी माता लक्ष्मी का वाहन माना गया है. वहीं काशी विश्वनाथ का दूसरा नाम लक्ष्मीविलास मोक्षेश्वर महादेव भी है. ऐसे में विद्वानों की माने तो मंदिर की शिखर पर सफेद उल्लू का देखा जाना काफी शुभ है. इसके साथ ही सफेद उल्लू के दर्शन को लोग सौभाग्य और कानूनी जंग में विजय का संकेत भी मानते हैं. ऐसे में लोग इसे ज्ञानवापी और बाबा विश्वनाथ मंदिर के बीच चल रही कानूनी लड़ाई से भी जोड़ कर देख रहें हैं और क्योंकि यह कानूनी मामलों में विजय का संकेत माना जा रहा है, तो हो सकता है कि कोर्ट का बहुप्रतीक्षित ज्ञानवापी का निर्णय साल 2027 से पहले आए.

वहीं कुछ लोग इसे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर चल रहीं अशान्ति और भारत के संबंधों से भी जोड़ कर देख रहें हैं. श्वेत उल्लू, शांति का भी प्रतीक माना गया है. ऐसे में यह युद्ध विराम का भी संकेत है.

बताते चले कि काशी विश्वनाथ की महिमा अपने आप में विख्यात है. लोग इस मंदिर के अलावा, मंदिर के शिखर के दर्शन मात्र को भी सौभाग्य मानते हैं और उसपर सफेद उल्लू का मंदिर की शिखर पर नज़र आना अपने आप में बड़ी बात है. हालांकि यह पहली बार नहीं है जब विश्वनाथ मंदिर की शिखर पर किसी पक्षी को देखा गया है. इससे पहले भी कई बार उल्लू, कबूतर, नीलकंठ और तोते को देखा जा चुका है.